India News (इंडिया न्यूज),CAG Report: दिल्ली विधानसभा में बीजेपी सरकार द्वारा पेश की गई नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट ने पुरानी शराब नीति में गड़बड़ियों को उजागर किया है, जिसमें करोड़ों रुपये के नुकसान की बात कही गई है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने नई आबकारी नीति का बचाव किया और केंद्र सरकार पर इसके क्रियान्वयन में बाधा डालने का आरोप लगाया।
बीजेपी सरकार ने 14 रिपोर्टें पेश कीं
दिल्ली विधानसभा में रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने 14 रिपोर्टें पेश कीं, जिनमें से पहली रिपोर्ट दिल्ली की शराब नीति और उसके प्रभावों पर केंद्रित थी। इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि पुरानी नीति के कारण राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ। लेकिन आतिशी ने इसे गलत तरीके से प्रस्तुत करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह रिपोर्ट वास्तव में पुरानी नीति को खत्म करने के आम आदमी पार्टी के फैसले की सराहना करती है। उन्होंने कहा, “जो लोग आम आदमी पार्टी को दोषी ठहरा रहे हैं, वे सिर्फ ‘BJP मुख्यालय से आए निर्देश’ पढ़ रहे हैं।”
केंद्र सरकार पर नई नीति को विफल करने का आरोप
आतिशी ने तर्क दिया कि आम आदमी पार्टी द्वारा लाई गई नई शराब नीति अधिक पारदर्शी थी, जिससे ब्लैक मार्केटिंग पर रोक लगती और सरकारी राजस्व बढ़ता। उन्होंने कहा कि इस नीति के तहत दिल्ली सरकार ने उच्च रेवेन्यू लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन केंद्र सरकार ने इसके क्रियान्वयन में अड़ंगा डाला, जिसके कारण यह पूरी तरह लागू नहीं हो पाई। उन्होंने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा, “नीति लागू होने से पहले ही सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर दी, जिससे इसकी सफलता प्रभावित हुई।” आतिशी ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के कारण दिल्ली को अनुमानित 9,000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू प्राप्त करने का अवसर गंवाना पड़ा। उनके अनुसार, 2020-21 में पुरानी शराब नीति के तहत एक्साइज रेवेन्यू 4,100 करोड़ रुपये था, जबकि नई नीति से यह दोगुना होकर 9,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता था।
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‘पुरानी नीति में हेरफेर, नई नीति ज्यादा पारदर्शी’
पूर्व मुख्यमंत्री ने पुरानी आबकारी नीति को खत्म करने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि उसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि शराब की कीमतों में हेरफेर किया जा रहा था और हरियाणा व उत्तर प्रदेश से अवैध तस्करी हो रही थी। इसीलिए, आम आदमी पार्टी ने इसे खत्म कर एक नई नीति लागू की, जिससे कालाबाजारी पर लगाम लगती और राज्य को अधिक राजस्व प्राप्त होता। उन्होंने सवाल उठाया, “जब यही नीति पंजाब में हजारों करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व ला सकती है, तो दिल्ली में इसे क्यों नहीं लागू होने दिया गया?” उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार की साजिश थी, जिसने नई नीति को सफल नहीं होने दिया।
सीबीआई और ईडी को ठहराया जिम्मेदार
आतिशी ने दिल्ली की नई शराब नीति को पटरी से उतारने के लिए उपराज्यपाल कार्यालय, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि नीति लागू करने के महत्वपूर्ण चरणों में सीबीआई और ईडी ने आप नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए, जिससे सरकार पर दबाव बढ़ा। उन्होंने कहा, “स्पष्ट है कि ईडी और सीबीआई की एफआईआर दर्ज होने के बाद इस नीति को लागू नहीं किया जा सका।” उन्होंने गोवा और पंजाब चुनाव अभियानों के लिए आम आदमी पार्टी द्वारा अवैध धन के इस्तेमाल के आरोपों को भी खारिज कर दिया और कहा कि CAG रिपोर्ट में ऐसा कोई उल्लेख नहीं है।
सदन में हंगामा, 21 AAP विधायक निलंबित
CAG रिपोर्ट पेश होने के बाद दिल्ली विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने बीजेपी पर बदले की राजनीति का आरोप लगाया। इस दौरान विरोध जताने वाले 21 आप विधायकों को तीन दिनों के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया।