India News (इंडिया न्यूज़),Cag Report: दिल्ली की विवादित नई शराब नीति को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट आखिरकार विधानसभा में पेश कर दी गई। इस रिपोर्ट में आम आदमी पार्टी की पूर्व सरकार पर गंभीर आरोप लगे हैं, जिसमें कहा गया है कि नई नीति से सरकारी खजाने को 2000.68 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। CAG की यह रिपोर्ट 166 पन्नों की है, जिसमें पेज नंबर 77 से शराब नीति का विस्तार से विश्लेषण किया गया है। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि नीति में कई बदलाव बिना कैबिनेट की मंजूरी और उपराज्यपाल (LG) की सलाह के किए गए, जिससे सरकार के राजस्व पर भारी असर पड़ा।

मंत्री समूह ने किए थे अहम बदलाव

रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में शराब कारोबार में सुधार के लिए एक एक्सपर्ट कमिटी का गठन किया गया था, जिसकी अध्यक्षता आबकारी आयुक्त (Excise Commissioner) कर रहे थे। इस कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली सरकार ने एक ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GOM) बनाया, जिसकी अध्यक्षता तत्कालीन उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया कर रहे थे। इस समूह में शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन और परिवहन एवं राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत को भी शामिल किया गया था। CAG रिपोर्ट में बताया गया है कि इस मंत्री समूह ने एक्सपर्ट कमिटी की सिफारिशों में सात बड़े बदलाव किए, लेकिन इन बदलावों का आधार क्या था, इस पर कोई आधिकारिक रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया गया।

‘मेयर कभी भी जा सकते हैं इसलिए…’, दिल्ली MCD में बहुमत संकट! नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह ने AAP पर लगाए आरोप

CBI और ED कर रही हैं जांच

नई शराब नीति को लेकर उठे विवाद के बाद केंद्र सरकार ने इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) को सौंपी थी। जांच के दौरान मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और अन्य कई नेताओं पर भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे, जिसके बाद कई बड़े नेताओं को जेल भी जाना पड़ा। फिलहाल कुछ नेता जमानत पर बाहर हैं, जबकि जांच अभी भी जारी है। इस घोटाले में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो चुके कैलाश गहलोत से भी ईडी पूछताछ कर चुकी है।

महाशिवरात्रि पर गोरखपुर से सीएम ने की मॉनीटरिंग, तड़के 4 बजे से ही कंट्रोल रूम में डटे