इंडिया न्यूज, चंडीगढ़।
Case Of Transfer To Chandigarh : पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ स्थानांतरित करने के प्रस्ताव पर हरियाणा में राजनीतिक पारा लगातार चढ़ता दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर और प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने तल्ख स्वर में आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा विशेष सत्र बुलाकर पास किए गए प्रस्ताव को संघीय ढांचे पर प्रहार बताया है। इसके साथ ही ओमप्रकाश धनखड़ ने ऐलान किया कि पंजाब विधानसभा में पास प्रस्ताव का विरोध हरियाणा भाजपा द्वारा जिला स्तर किया जाएगा।
पंजाब सरकार ने जो किया है वह निंदनीय है : मनोहर लाल Case Of Transfer To Chandigarh
चंडीगढ़ में संगठनात्मक बैठकों के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ को लेकर पास किए गए प्रस्ताव पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पंजाब सरकार ने जो किया है वह निंदनीय है।
लोकतंत्र की एक व्यवस्था होती है, लेकिन भगवंत मान सरकार ने एकतरफा कार्रवाई की है, वह निंदनीय है। इस तरह के फैसलों की लोकतंत्र में कोई जगह नहीं। ऐसे कई मुद्दे हैं जिनका बातचीत से हल निकाला जाता है।
एसवाईएल मुद्दे का हल पंजाब की तरफ से निकाला जाना चाहिए
आज तक एसवाईएल का मुद्दा बना हुआ है। जिसका हल पंजाब की तरफ से निकाला जाना चाहिए। पंजाब का हिंदी भाषी एरिया भी एक मुद्दा है, जो अभी तक हरियाणा को नही मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अरविंद केजरीवाल व भगवंत मान को हरियाणा के लोगों से माफी मांगनी चाहिए। मनोहरलाल ने मांग की कि अरविंद केजरीवाल इस पर निंदा प्रकट करें। Case Of Transfer To Chandigarh
मुख्यमंत्री ने कहा कि अरविंद केजरीवाल एक तरफ पंजाब में हरियाणा के हिस्से का पानी रोकने की बात करते हैं तो दूसरी तरफ हरियाणा से दिल्ली के लिए पानी मांगते हैं, जिससे केजरीवाल का दोहरा रवैया स्पष्ट होता है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि चंडीगढ़ एक केंद्र शासित प्रदेश है, हरियाणा व पंजाब दोनों की राजधानी है।
उपरोक्त प्रस्ताव के बहाने से, चंडीगढ़ पर अकेले पंजाब का हक जताने का निंदनीय प्रस्ताव पारित करना गैर वैधानिक हैं। चंडीगढ़ पर हरियाणा का भी हक व सदैव रहेगा। धनखड़ ने कहा कि हरियाणा भारतीय जनता पार्टी पंजाब के हक मारने के प्रस्ताव की घोर निंदा करती है तथा सभी हरियाणा वासियों को अपने हक के लिये डट कर खड़ा होने का आह्वान करती हैं। धनखड़ ने कहा कि हरियाणा सरकार चंडीगढ़ पर हरियाणा के हक के लिये दृढ़ संकल्पबद्ध है।
एसवाईएल पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय हरियाणा के पक्ष में आ चुका Case Of Transfer To Chandigarh
एसवाईएल पर भी अनेक झंझट व विभिन्न रुकावटों के बाद सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय हरियाणा के पक्ष में आ चुका है। अब केवल कैनाल का बनना शेष है। पंजाब की नई सरकार को तुरंत पंजाब क्षेत्र में एसवाईएल नहर का निर्माण कर हरियाणा के किसानों के हित का 19 लाख एकड़ फुट पानी देना चाहिए।
धनखड़ ने कहा कि हरियाणा लगातार 40 लाख एकड़ फुट पानी घाटा सहन कर रहा है। हर हरियाणावासी व हरियाणा सरकार भी इस पानी को लाने के लिये हर स्तर पर लड़ने के लिये संकल्प बद्ध है। Case Of Transfer To Chandigarh
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