India News (इंडिया न्यूज़),CM Rekha Gupta: दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत भलस्वा लैंडफिल साइट पर बांस वृक्षारोपण अभियान शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना 4 मार्च 2025 को इस अभियान की औपचारिक शुरुआत करेंगे। यह कार्यक्रम सुबह 10:30 बजे आयोजित होगा। सरकार के इस कदम को पर्यावरणीय सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है, जो दिल्ली को हरित बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।
भलस्वा लैंडफिल: प्रदूषण का बड़ा केंद्र
भलस्वा लैंडफिल साइट दिल्ली की प्रमुख कचरा डंपिंग साइटों में से एक है, जो वर्षों से राष्ट्रीय राजधानी के पर्यावरणीय संकट का प्रमुख कारण बनी हुई है। इस इलाके में कचरे के पहाड़ों से निकलने वाले जहरीले धुएं और बदबू ने आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का जीवन कठिन बना दिया है। दिल्ली सरकार और नगर निकाय इस समस्या के समाधान के लिए मिलकर काम कर रहे हैं, जिसमें बांस वृक्षारोपण को एक प्रभावी उपाय के रूप में देखा जा रहा है।
बांस: हरित समाधान की ओर बड़ा कदम
बांस तेजी से बढ़ने वाला पौधा है, जो पर्यावरणीय सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित करने, मिट्टी के कटाव को रोकने और हवा की गुणवत्ता सुधारने में मदद करता है। इसके अलावा, यह लैंड रिक्लेमेशन और बायोमाइनिंग में भी सहायक सिद्ध हो सकता है। यही कारण है कि सरकार ने भलस्वा, गाजीपुर और ओखला लैंडफिल साइटों पर बांस वृक्षारोपण को प्राथमिकता दी है।
‘विकसित भारत @2047’ के तहत तेजी से हो रहा कार्य
दिल्ली सरकार ने ‘विकसित भारत @2047’ विजन के तहत बायोमाइनिंग और लैंड रिक्लेमेशन की गति को तेज कर दिया है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य लैंडफिल साइटों को कचरे के पहाड़ों से मुक्त कर हरित क्षेत्रों में तब्दील करना है। बांस वृक्षारोपण इस प्रक्रिया को गति देने में सहायक होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस तरह की पहल लगातार जारी रही, तो आने वाले वर्षों में दिल्ली की कचरा डंपिंग साइटों को पूरी तरह हरित क्षेत्र में बदला जा सकता है।
हरित दिल्ली अभियान को मिलेगा नया बल
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पहले ही ‘हरित दिल्ली अभियान’ को प्राथमिकता देने की बात कह चुकी हैं। इस दिशा में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना, ग्रीन बेल्ट विकसित करना और वृक्षारोपण को गति देना उनकी सरकार की प्रमुख योजनाओं में शामिल है। बांस वृक्षारोपण अभियान भी इसी रणनीति का एक हिस्सा है, जिससे दिल्ली की पर्यावरणीय स्थिति में बड़ा सुधार आने की उम्मीद है। पर्यावरणविदों और स्थानीय प्रशासन का मानना है कि इस तरह के ठोस कदम अगर नियमित रूप से उठाए जाते रहें, तो दिल्ली में कचरे के पहाड़ों को पूरी तरह समाप्त किया जा सकता है। इससे राजधानी को एक स्वच्छ, हरित और प्रदूषण मुक्त शहर बनाने का सपना साकार हो सकेगा।