India News (इंडिया न्यूज), Delhi Air Pollution: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर और GRAP-2 उपायों के कार्यान्वयन के मुद्दे पर दिल्ली सचिवालय में सभी संबंधित विभागों के साथ एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक के बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि ‘सीएक्यूएम (वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) के निर्देशानुसार आज से दिल्ली में डीजल बसों का प्रवेश बंद कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए राजस्थान में 18 टीमों का गठन किया गया है। उन्होंने दिल्ली के लोगों से अपील की है कि राज्य सरकारें अपने डिपो से केवल सीएनजी, इलेक्ट्रिक या बीएस-VI बसें चलाएं ताकि यात्रियों को कोई परेशानी न हो।”
बता दें कि राजधानी दिल्ली में इस वक्त हवा खराब है। हर जगह लोग जहरीले धुएं में सांस लेने को मजबूर है। आज दिल्ली का AQI 321 के करीब रहा। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने दिल्ली में (GRAP-2) लागू करने का फैसला लिया है। अब दिल्ली में वाहनों से गुजरने वाले लोगों को ग्रैप-2 के नियमों का पालन करना होगा।
GRAP-2 प्लान किया लागू
प्रदूषण के बढ़ते खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का कहना था कि ग्रैप टू के प्रावधान लागू होने के बाद 1 नवंबर से दिल्ली में अन्य राज्यों की डीजल बसें एंट्री नहीं कर पाएंगी। इसका अर्थ है कि आज से GRAP-2 लागू होने की वजह से अब लोगों को इन नियमों का भी पालन करना होगा। इस नियम को लेकर दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग ने एक सर्कुलर जारी कर 1 नवंबर से दिल्ली में हरियाणा, उत्तराखंड,उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और पंजाब से आने वाली डीजल बसों पर रोक लगा दी है। यानि अब दिल्ली में उन्हीं डीजल बसों को प्रवेश की इजाजत होगी, जो बीएस6 कैटेगरी वाली हैं। वहीं, CNG और इलेक्ट्रिक बसों की भी एंट्री बनी रहेगी।
इन नियमों का करना होगा पालन
वहीं, अब ग्रैप-2 लागू होने के बाद दिल्ली में निजी वाहनों के इस्तेमाल को कम करने के लिए पार्किंग शुल्क बढ़ जाएगा इससे निजी वाहनों का इस्तेमाल कम होगा। यानि कि लोगों को पार्किंग चार्ज के रूप में ज्यादा भुगतान करना पड़ सकता है। दिल्ली में सीएनजी, इलेक्ट्रिक बस और मेट्रो सेवाओं को भी बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही डीजल जेनरेटर का यूज पूरी तरह से दिल्ली में बैन कर दिया गया है। पार्किंग फीस बढ़ाने के निर्णय से प्राइवेट वाहन में कमी आएगी। जिसका ये असर रहेगा कि राजधानी दिल्ली में CNG, इलेक्ट्रिक बसें, मेट्रो सर्विस में इजाफा होगा।
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