India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi Assembly Session: दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें दिल्ली की शराब नीति से जुड़ी कई गंभीर बातें सामने आई हैं। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष की नेता आतिशी ने कहा कि इस रिपोर्ट ने उनकी बात को पुख्ता कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि शराब की बिक्री में भ्रष्टाचार था और 28 फीसदी से ज्यादा भ्रष्टाचार ठेकेदारों द्वारा किया जा रहा था। रिपोर्ट के मुताबिक, शराब की कालाबाजारी भी हो रही थी और सभी को पता था कि शराब के ठेके किस पार्टी के लोगों के पास हैं।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने CAG रिपोर्ट पेश की

दिल्ली विधानसभा की अध्यक्षता कर रहे विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि यह जानकर हैरानी हुई कि 2017-18 के बाद CAG रिपोर्ट को विधानसभा में कभी पेश नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि उस समय विपक्षी नेताओं ने रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करने की मांग की थी, लेकिन AAP सरकार ने इसे दबाए रखा। गुप्ता ने आरोप लगाया कि CAG की रिपोर्ट को एलजी के पास भी नहीं भेजा गया।

CAG रिपोर्ट में हुई गंभीर खुलासे

CAG की रिपोर्ट में नई आबकारी नीति को लेकर कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, नई नीति से दिल्ली सरकार को करीब 2000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। इसमें कहा गया है कि एक व्यक्ति को पहले एक लाइसेंस दिया जाता था, लेकिन अब कोई व्यक्ति दो दर्जन से ज्यादा लाइसेंस ले सकता था। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि पहले दिल्ली में शराब की 60% बिक्री सरकारी कॉर्पोरेशनों द्वारा होती थी, लेकिन नई नीति के तहत निजी कंपनियों को भी रिटेल लाइसेंस दिया गया। शराब बिक्री का कमीशन 5% से बढ़ाकर 12% किया गया था। इसके अलावा, थोक लाइसेंस शराब वितरकों और निर्माता कंपनियों को भी दिया गया, जो नियमों का उल्लंघन था। रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि शराब लाइसेंस देने में राजनीतिक दखल और भाई-भतीजावाद हुआ था। CAG ने यह भी कहा कि आर्थिक और आपराधिक जांच किए बिना लाइसेंस दिए गए थे।

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि पर दिल्ली के इन 5 फेमस शिव मंदिरों में करें दर्शन, भोलेनाथ बरसाएंगे आशीर्वाद, बनने लगेंगे सारे बिगड़े काम!