India News (इंडिया न्यूज),Delhi CAG Report :नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट ने दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का बड़ा खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 फंड के करोड़ों रुपये बिना इस्तेमाल के रह गए, सरकारी अस्पतालों में बेड और स्टाफ की भारी कमी है, और मोहल्ला क्लीनिकों की हालत भी दयनीय है।

ICU नहीं, एंबुलेंस नहीं, मरीज बेहाल!

CAG रिपोर्ट के अनुसार,

– 14 सरकारी अस्पतालों में ICU नहीं है।
– 12 अस्पतालों में एंबुलेंस की सुविधा तक नहीं।
– 16 अस्पतालों में ब्लड बैंक नहीं।
– 8 अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई तक नहीं।
– CATS एंबुलेंस भी जरूरी उपकरणों के बिना चलाई जा रही हैं।

Covid Fund का सही इस्तेमाल नहीं

कोविड-19 से निपटने के लिए केंद्र सरकार से मिले 787.91 करोड़ रुपये में से सिर्फ 582.84 करोड़ रुपये खर्च हुए, बाकी रकम यूं ही पड़ी रही। दवाओं, PPE किट और मेडिकल सप्लाई के लिए मिले 119.85 करोड़ में से 83.14 करोड़ रुपये खर्च ही नहीं किए गए।

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बेड और स्टाफ की भारी किल्लत

– दिल्ली सरकार ने 32,000 नए बेड जोड़ने का वादा किया था, लेकिन सिर्फ 1,357 बेड जोड़े गए।
– सरकारी अस्पतालों में 8,194 पद खाली पड़े हैं।
– नर्सिंग स्टाफ की 21% और पैरामेडिकल स्टाफ की 38% कमी दर्ज की गई।
– राजीव गांधी और जनकपुरी सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों में डॉक्टरों की 50-74% तक कमी।

मोहल्ला क्लीनिक भी बदहाल

– 21 क्लीनिकों में शौचालय तक नहीं।
– 15 क्लीनिकों में बिजली बैकअप नहीं।
– 6 क्लीनिकों में डॉक्टरों के लिए टेबल तक नहीं।

सरकार से जवाबदेही की मांग

CAG की इस रिपोर्ट ने दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत उजागर कर दी है। कोविड फंड का सही इस्तेमाल नहीं होना, अस्पतालों में सुविधाओं की भारी कमी और स्टाफ की किल्लत पर अब सरकार को जवाब देना होगा। क्या दिल्ली की जनता से किया गया ‘बेहतर स्वास्थ्य सेवा’ का वादा सिर्फ एक जुमला था?