India News (इंडिया न्यूज),Delhi Drains Cleaning: दिल्ली में नालों की सफाई के काम में बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने चार वर्षों के दौरान नालों की सफाई में 80 करोड़ रुपये की हेराफेरी की पुष्टि की है। जांच में सामने आया कि पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) के अधिकारियों ने नालों की वास्तविक लंबाई में हेरफेर किया और ठेकेदारों को फायदा पहुंचाया। इस मामले में एसीबी ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
नालों की सफाई के नाम पर फर्जी बिलिंग
एसीबी की रिपोर्ट के अनुसार, पीडब्ल्यूडी के दक्षिण-पश्चिम रोड-1 और दक्षिण-पश्चिम रोड-2 डिवीजनों के तहत वर्ष 2021-22 से 2024-25 के बीच नालों की सफाई के काम में यह घोटाला हुआ। शिकायत के मुताबिक, अधिकारियों ने नालों की सफाई के लिए दी गई वास्तविक लंबाई में हेरफेर कर ठेकेदारों को लाभ पहुंचाया। इतना ही नहीं, फर्जी प्रमाण-पत्रों के जरिए गैर-मौजूद कामों के लिए भी ठेकेदारों को भुगतान किया गया।
एक ही काम के लिए दो बार भुगतान
ACB की जांच में खुलासा हुआ कि पीडब्ल्यूडी ने एक ही क्षेत्र में गाद निकालने का काम दो अलग-अलग निविदाओं में दिखाया और ठेकेदार को एक ही काम के लिए दो बार भुगतान किया। अधिकारियों ने बोलियों में भी हेराफेरी की, जिसके तहत ठेकेदार को बढ़ी हुई दरों पर कई टेंडर दिए गए। यहां तक कि सफाई कार्य को मैन्युअल रूप से किए जाने के बावजूद, बिलों में सुपर सकर मशीनों का उपयोग दिखाया गया, जिससे लागत बढ़ा दी गई।
सात एनआईटी में हेराफेरी
जांच में सामने आया कि पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने सात अलग-अलग निविदा सूचना (एनआईटी) जारी कर मनमानी की। इन निविदाओं में लागत को गैर-जरूरी वस्तुओं और विचलनों को शामिल कर बढ़ाया गया। परिणामस्वरूप, पिछले चार वर्षों में एक ही ठेकेदार को 78.40 करोड़ रुपये का फर्जी भुगतान किया गया। एसीबी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीओसी) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। अब पीडब्ल्यूडी अधिकारियों और ठेकेदारों से पूछताछ की जा रही है और जल्द ही गिरफ्तारी की कार्रवाई होगी।
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