India News (इंडिया न्यूज),Delhi Chunav 2025: दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना लागू करने को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार और केंद्र के बीच तनातनी जारी है। दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर केंद्र की इस योजना का विरोध किया है। सरकार का तर्क है कि आयुष्मान भारत योजना को लागू करना दिल्ली में पहले से मौजूद दिल्ली आरोग्य कोष (DAK) जैसी प्रभावी और व्यापक योजना को कमजोर करेगा।
क्या बोली AAP सरकार ?
AAP सरकार का कहना है कि केंद्र की योजना राष्ट्रीय राजधानी की केवल 12-15% आबादी को ही लाभ पहुंचाएगी, जबकि दिल्ली आरोग्य कोष योजना पूरी राजधानी के नागरिकों को लाभ देती है। यह योजना दिल्ली के सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान करती है। हलफनामे में दिल्ली सरकार ने DAK योजना को पारदर्शी और अधिक प्रभावी बताते हुए कहा कि इससे व्यापक आबादी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं।हाईकोर्ट ने हाल ही में दिल्ली सरकार और केंद्र को 5 जनवरी तक आयुष्मान भारत योजना लागू करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का निर्देश दिया था। अदालत ने कहा था कि जब देश के 33 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश इस योजना को लागू कर चुके हैं, तो दिल्ली इसका हिस्सा क्यों नहीं बन सकती।
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AAP सरकार ने अदालत में दिया ये तर्क
दिल्ली सरकार ने अदालत में यह भी तर्क दिया कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में 30% से अधिक मरीज पड़ोसी राज्यों से आते हैं, जिनमें अधिकांश भाजपा शासित हैं। इन राज्यों में आयुष्मान योजना लागू होने के बावजूद मरीज दिल्ली में इलाज कराने आते हैं क्योंकि यहां की स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हैं। सरकार ने भाजपा सांसदों द्वारा दायर जनहित याचिका को राजनीति से प्रेरित बताते हुए इसे खारिज करने की मांग की है। AAP सरकार ने कहा कि स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। ऐसे में केंद्र को दिल्ली पर अपनी योजनाएं थोपने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। सरकार ने दावा किया कि दिल्ली में बेहतर सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य नीतियों की वजह से नागरिकों को पहले से ही उच्च स्तरीय सेवाएं मिल रही हैं।
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