India News (इंडिया न्यूज), Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नजदीक आते ही आम आदमी पार्टी द्वारा शुरू की गई पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना को लेकर राजनीति गरमा गई है। जानकारी के मुताबिक, सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की कि पुजारियों और ग्रंथियों को हर महीने 18,000 रुपये दिए जाएंगे। योजना का पंजीकरण मंगलवार से शुरू हो गया है। इसके अलावा, इस योजना को लेकर विपक्षियों ने प्रतिक्रियाएं देनी शुरू कर दी है।

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BJP अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने उठाया सवाल

बता दें, BJP ने इस योजना को चुनावी धोखा करार दिया है। दिल्ली BJP अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने सवाल उठाया कि केजरीवाल ने पहले पुजारियों की सैलरी क्यों नहीं दी। ऐसे में, उन्होंने कहा, “अरविंद केजरीवाल 2013 से इमामों और मौलवियों को सैलरी दे रहे हैं, लेकिन उन्होंने पुजारियों और ग्रंथियों की कभी परवाह नहीं की। अब अचानक चुनाव के समय इनकी चिंता क्यों हो रही है?” इसके साथ-साथ BJP सांसद बांसुरी स्वराज ने इस योजना को चुनावी चाल बताते हुए केजरीवाल पर निशाना साधा और कहा, “पिछले 17 महीनों से इमामों की सैलरी भी लंबित है। जब वे उनसे मिलने जाते हैं, तो कोई जवाब सामने से नहीं आता। अगर इसे सैलरी नहीं सम्मान राशि बताया गया है, तो चुनाव से पहले इसे लागू क्यों नहीं किया गया ?”

सियासी बयानबाजी से मची हलचल

तीखी प्रक्रिया देते हुए सांसद बांसुरी स्वराज ने ये भी आरोप लगाए कि केजरीवाल, जो पिछले 10 सालों से धार्मिक स्थलों और धर्म का अपमान करते आ रहे हैं, अब चुनाव के समय पुजारियों और ग्रंथियों को याद कर रहे हैं। उन्होंने पूछा कि चर्च के पादरियों के बारे में केजरीवाल ने क्यों कुछ नहीं सोचा। BJP अपने सवाल पर अडिग रहते हुए सवाल कर रही कि पहले ये योजना लागू क्यों नहीं की।बताया गया है कि, बीजेपी ने इसे चुनावी लाभ के लिए बनाया गया कदम बताया और कहा कि अगर केजरीवाल वाकई में धार्मिक व्यक्तियों की परवाह करते हैं, तो योजना को तुरंत लागू करें।

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