India News (इंडिया न्यूज), Delhi EV Policy: दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को बढ़ावा देने के लिए तेजी से काम कर रही है। चार्जिंग स्टेशनों की कमी को दूर करने के लिए नई ईवी नीति लागू करने की योजना बनाई गई है। इस नीति के तहत दिल्ली के हर कोने में चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने में कोई परेशानी न हो।
चार्जिंग स्टेशनों की बढ़ेगी संख्या
इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाने के लिए चार्जिंग स्टेशन का होना बेहद जरूरी है। इसीलिए सरकार ने 2030 तक 13,200 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन बनाने का लक्ष्य रखा है। इससे हर 5 किलोमीटर के दायरे में एक चार्जिंग स्टेशन मिलेगा, जिससे ईवी मालिकों को आसानी होगी। इसके अलावा, सरकार नई इमारतों की पार्किंग में कम से कम 20% जगह ईवी चार्जिंग के लिए अनिवार्य करने की योजना बना रही है। इससे निजी और व्यावसायिक परिसरों में भी चार्जिंग सुविधाएं मिल सकेंगी।
ईवी नई नीति
नई ईवी नीति के तहत अगले तीन सालों में हर तीन निजी वाहनों में से एक को इलेक्ट्रिक बनाना अनिवार्य किया जाएगा। इसके साथ ही, गैर-इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के पंजीकरण पर रोक लगाने का भी प्रस्ताव है। इससे दिल्ली को ईवी राजधानी बनाने की दिशा में तेजी से काम होगा। सरकार रिंग रोड, आउटर रिंग रोड और फ्लाईओवर के नीचे चार्जिंग स्टेशन बनाने की योजना बना रही है। साथ ही, सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने पर 15 से 30 लाख रुपये तक की सब्सिडी भी दी जाएगी। इसके अलावा, ईवी के लिए आरक्षित पार्किंग स्थलों पर गैर-ईवी वाहनों की पार्किंग पर जुर्माना लगाने का भी प्रावधान होगा।
विदेशों की तुलना में चार्जिंग स्टेशनों की कमी
अमेरिका और यूरोप की तुलना में दिल्ली में चार्जिंग स्टेशन बहुत कम हैं। वहां 10 से 15 ईवी पर एक चार्जिंग स्टेशन होता है, जबकि दिल्ली में 100 ईवी पर एक स्टेशन है। फिलहाल दिल्ली में 2700 चार्जिंग पॉइंट ही मौजूद हैं, जो जरूरत से काफी कम हैं। दिल्ली में मौजूद चार्जिंग स्टेशन 3.3 से 50 किलोवाट के हैं, जिससे चार्जिंग में कई घंटे लगते हैं। जबकि यूरोप में 350 किलोवाट तक के फास्ट चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध हैं, जो वाहनों को मिनटों में चार्ज कर सकते हैं। सरकार इस कमी को दूर करने के लिए 100 किलोवाट तक के फास्ट चार्जिंग स्टेशन लगाने की योजना बना रही है।
प्रदूषण कम करने पर पहल
दिल्ली सरकार की यह नई नीति न केवल ईवी वाहनों को बढ़ावा देगी, बल्कि प्रदूषण कम करने और पर्यावरण संरक्षण में भी मदद करेगी। अगर यह योजना सफल होती है, तो आने वाले वर्षों में दिल्ली में ईवी वाहनों की संख्या में भारी वृद्धि देखी जा सकती है।
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