India News(इंडिया न्यूज) Delhi HC questioning to police on AI: क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए लापता लोगों को ढूंढा जा सकता है? इसी अहम सवाल पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है। हाई कोर्ट की जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस धर्मेश शर्मा की बेंच ने पुलिस से हलफनामा दाखिल कर यह बताने के लिए कहा है कि क्या उनके पास ऐसा कोई AI सॉफ्टवेयर है, जिससे लापता व्यक्तियों का पता लगाया जा सके।
मामले की जड़ क्या है?
यह मामला तब सामने आया जब एक व्यक्ति ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि उसके पिता 17 फरवरी 2023 से लापता हैं। याचिकाकर्ता ने पुलिस से अपने पिता का पता लगाने की गुहार लगाई थी, लेकिन अब तक उनका कोई सुराग नहीं मिला। इस पर हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वे स्पष्ट करें कि लापता लोगों को खोजने के लिए AI तकनीक का उपयोग किया जा रहा है या नहीं।
क्या AI से मिलेगी सफलता?
दिल्ली सरकार की ओर से कोर्ट में दाखिल की गई स्टेटस रिपोर्ट में बताया गया कि याचिकाकर्ता के पिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की जा चुकी है और उनकी तस्वीरें जोनल इंटीग्रेटेड पुलिस नेटवर्क (ZIPNet) पर साझा की गई हैं। लेकिन अब तक उनका कोई पता नहीं चल पाया है। इस पर कोर्ट ने सवाल उठाया कि क्या AI तकनीक के जरिए लापता लोगों की तलाश की जा सकती है।
पुलिस ने क्या कहा?
दिल्ली पुलिस के वकील ने कोर्ट को बताया कि अपराध शाखा के पास इस तरह के AI सॉफ्टवेयर मौजूद होते हैं। कोर्ट ने पुलिस से स्पष्ट जवाब मांगा है कि क्या इन सॉफ्टवेयर का उपयोग लापता व्यक्ति को खोजने के लिए किया गया है या नहीं।
18 मार्च को होगा बड़ा फैसला
हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 मार्च की तारीख तय की है। कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसा कोई AI सॉफ्टवेयर मौजूद है, तो उसका पूरा उपयोग कर लापता व्यक्ति का पता लगाने का प्रयास किया जाए। अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि क्या AI तकनीक से लापता लोगों की तलाश में नई राह खुलेगी या नहीं।