India News (इंडिया न्यूज),Delhi High Court: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को एम्स के निदेशक को निर्देश दिया कि वे दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों में सुधार के लिए बनाई गई छह सदस्यीय विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को लागू करें। इस समिति की अध्यक्षता प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. एस.के. सरीन कर रहे हैं। अदालत ने दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग की खस्ता हालत पर नाराजगी जाहिर की और अधिकारियों के बीच चल रहे मतभेदों को लेकर चिंता जताई।

अधिकारियों के बीच खींचतान बनी चुनौती

अदालत ने पाया कि दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग में अधिकारियों के बीच आपसी तालमेल की कमी है, जिसके कारण सुधार के प्रयासों में रुकावट आ रही है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की पीठ ने टिप्पणी की कि समिति के चार सदस्य, जो दिल्ली सरकार के तहत काम कर रहे हैं, खुद को दबाव में महसूस कर रहे हैं। डॉ. सरीन द्वारा 26 अगस्त को लिखे गए एक पत्र में इस बात का जिक्र किया गया कि सिफारिशों को लागू करने में कठिनाइयां आ रही हैं, क्योंकि समिति के सदस्य दिल्ली सरकार के अधीन अस्पतालों में कार्यरत हैं।

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए अदालत का सख्त रुख

अदालत ने इस बात पर भी ध्यान दिया कि वर्तमान माहौल अधिकारियों और स्वास्थ्य मंत्री के बीच के आरोप-प्रत्यारोप से जहरीला हो गया है, जिससे सुधार कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है। अदालत ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए एम्स निदेशक को समिति की सिफारिशों को लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी है। मामले की अगली सुनवाई 30 सितंबर को होगी।

अंबानी की शादी में जानवरों के दुर्व्यवहार पर याचिका खारिज

इसी दिन न्यायालय ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी की शादी के दौरान जानवरों के साथ दुर्व्यवहार के आरोपों पर दायर एक अवमानना याचिका को खारिज कर दिया। याचिका में आरोप लगाया गया था कि फरवरी के न्यायालय आदेश की अवज्ञा की गई थी, लेकिन न्यायमूर्ति धर्मेश शर्मा ने इसे खारिज कर दिया। याचिका का आधार एक अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट थी, जिसमें शादी समारोह में जानवरों के अमानवीय उपयोग का दावा किया गया था।

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