India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने एक शख्स की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने अपनी अलग रह रही पत्नी के परिवार की संपत्ति की इनकम टैक्स जांच कराए जाने की मांग की थी। शख्स का दावा था कि उसे दहेज में दो करोड़ रुपये दिए गए थे और शादी पर उसने काफी पैसा खर्च किया था। अदालत ने याचिका खारिज करते हुए इसे पत्नी के साथ वैवाहिक विवाद का परिणाम बताया।
पत्नी के साथ अनबन का आरोप
याचिकाकर्ता ने यह भी कहा था कि उसकी पत्नी के परिवार ने पिछले 10 साल के आयकर रिटर्न और वित्तीय रिकॉर्ड की जांच करानी चाहिए और उन पर झूठी गवाही, टैक्स चोरी या वित्तीय गड़बड़ी के आरोप लगाए जाने चाहिए। शख्स ने अदालत से यह निर्देश देने की भी मांग की थी कि आयकर विभाग पत्नी के परिवार से जुड़े कथित अवैध नकद लेनदेन और शादी में खर्च की गई राशि की जांच करे।
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अदालत का निर्णय
चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील यह नहीं बता सके कि उनके मुवक्किल के किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है। अदालत ने यह भी कहा कि इस मामले से संबंधित तथ्यों पर निर्णय लेना आयकर विभाग के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।
पुलिस में शिकायत
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रकार के विवादों पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत निर्णय नहीं लिया जा सकता है। अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह एक वैवाहिक झगड़े से जुड़ा मामला है और इस तरह की याचिका स्वीकार नहीं की जा सकती। याचिकाकर्ता की 2022 में शादी हुई थी, जो सफल नहीं रही। इसके बाद पत्नी ने उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन शख्स का कहना है कि अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की।