India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को पेश की गई नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य ढांचे पर गंभीर सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट में फंड का कम इस्तेमाल, मोहल्ला क्लीनिकों की ‘गंभीर स्थिति’, और कोरोना महामारी के कुप्रबंधन को उजागर किया गया है। 255 पन्नों की इस रिपोर्ट में स्टाफ की कमी, दवाओं की अनुपलब्धता, अधूरी स्वास्थ्य परियोजनाएं और वित्तीय कुप्रबंधन जैसी गंभीर खामियां सामने आई हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं में गंभीर खामियां
रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं में कई महत्वपूर्ण समस्याएं हैं। मोहल्ला क्लीनिकों की स्थिति चिंताजनक है, जहां चिकित्सकों और स्टाफ की कमी के कारण आम जनता को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। इसके अलावा, दवाओं की भारी कमी और कुछ स्वास्थ्य परियोजनाओं के अधूरे होने की बात भी रिपोर्ट में कही गई है। इन सभी खामियों के कारण दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं।
शराब नीति पर विपक्षी दलों का हमला
अकाली दल नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने भी इस मामले में बीजेपी को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में शराब नीति के चलते सरकार को 2 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि पंजाब में वही नीति लागू होने के बावजूद किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई। उन्होंने सवाल किया कि क्या पंजाब में अलग कानून चलता है?
कांग्रेस की भी CAG रिपोर्ट की मांग
कांग्रेस ने भी आरोप लगाया है कि दिल्ली की शराब नीति की नकल पंजाब में की गई है, जहां कुछ खास लोगों को लाभ पहुंचाया गया है। पार्टी ने मांग की है कि पंजाब में भी CAG रिपोर्ट सामने लाई जाए और इस मामले की जांच होनी चाहिए, ताकि भ्रष्टाचार के आरोपों का सही पता चल सके।