India News (इंडिया न्यूज),Delhi Liquor Scam: दिल्ली की आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मामले में आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच के चलते यह मामला लगातार गंभीर होता जा रहा है। अदालत में इस मामले की सुनवाई चल रही है और 3 मार्च को होने वाली अगली सुनवाई में स्थिति और स्पष्ट हो सकती है। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने 25 फरवरी को सुनवाई के दौरान ईडी को निर्देश दिया कि वह आरोपियों को चार्जशीट से जुड़े आवश्यक दस्तावेज सौंपे ताकि कानूनी प्रक्रिया बाधित न हो।
आबकारी नीति घोटाले की पृष्ठभूमि
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई आबकारी नीति लागू की थी, जिससे राजधानी में शराब वितरण और बिक्री की व्यवस्था पूरी तरह बदल गई। लेकिन जल्द ही इस नीति पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने लगे, जिसके चलते सितंबर 2022 में इसे रद्द कर दिया गया। इसके बाद दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने इस नीति में अनियमितताओं की जांच के आदेश दिए। जांच में दावा किया गया कि नीति को संशोधित करने के दौरान कुछ लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ दिया गया, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा। सीबीआई और ईडी ने इस मामले की गहन जांच शुरू की, जिसके चलते मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी सामने आया।
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आम आदमी पार्टी पर बढ़ता दबाव
इस घोटाले में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी आरोपी बनाए गए हैं। जांच एजेंसियां लगातार साक्ष्य जुटा रही हैं, जिससे पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर भी सवाल उठने लगे हैं। राजनीतिक रूप से यह मामला आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है, खासकर हाल ही में हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में हुए नुकसान के बाद। कानूनी और राजनीतिक चुनौतियों के बीच, इस मामले में 3 मार्च की सुनवाई बेहद महत्वपूर्ण होगी, जिससे आगे की कार्रवाई की दिशा तय हो सकती है। अब देखना होगा कि अदालत में क्या फैसला आता है और जांच में आगे कौन से नए तथ्य सामने आते हैं।