India News (इंडिया न्यूज),Delhi Metro News: मेट्रो में सफर कर रहे एक युवक की अचानक तबीयत बिगड़ गई और वह बेसुध होकर गिर पड़ा। अफरा-तफरी के इस माहौल में CRPF की सब-इंस्पेक्टर अंजलि ने तत्काल मोर्चा संभाला और सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन) देकर उसकी जान बचा ली। अंजलि की इस बहादुरी की तारीफ हर तरफ हो रही है। उनकी यूनिट ने भी सोशल मीडिया पर उनकी बहादुरी को सलाम किया है।

घटना के दौरान क्या हुआ?

मंगलवार दोपहर CRPF दिल्ली में तैनात सब-इंस्पेक्टर अंजलि जंतर-मंतर पर ड्यूटी खत्म करके मेट्रो से घर लौट रही थीं। मेट्रो में सफर के दौरान अचानक उनके पास खड़ा एक युवक बेहोश होकर गिर पड़ा। मेट्रो के फर्श पर बेसुध पड़े युवक को देखकर यात्रियों में हड़कंप मच गया। लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए। अंजलि ने तुरंत इमरजेंसी हालात को संभाला और बिना देर किए सीपीआर देना शुरू किया।

सीपीआर देने से बची जान

अंजलि ने युवक को छाती पर दबाव देकर और मुंह से ऑक्सीजन देकर सीपीआर प्रक्रिया शुरू की, जिससे धीरे-धीरे उसकी हालत स्थिर होने लगी। जैसे ही मेट्रो अगले स्टेशन पर पहुंची, उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे आगे का इलाज मिला। डॉक्टरों ने बताया कि *समय पर सीपीआर मिलने से युवक की जान बच गई।

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CRPF ने की अंजलि की तारीफ

CRPF ने अपनी बहादुर अधिकारी अंजलि की इस सूझबूझ और तत्परता की जमकर तारीफ की। सोशल मीडिया पर उनकी यूनिट ने लिखा कि “सीआरपीएफ का हर जवान हर परिस्थिति के लिए तैयार रहता है। सब-इंस्पेक्टर अंजलि ने दिखा दिया कि कैसे कठिन परिस्थितियों में भी हमारे जवान बिना हिचक मदद के लिए आगे आते हैं।”

अंजलि ने क्या कहा?

इस घटना के बाद सब-इंस्पेक्टर अंजलि ने बताया कि CRPF में उन्हें आपातकालीन चिकित्सा सहायता की ट्रेनिंग दी गई थी और उन्होंने वही तकनीक इस्तेमाल की। उन्होंने कहा, “अगर मैं ट्रेनिंग के दौरान सीखे हुए इन उपायों को नहीं अपनाती, तो शायद युवक की जान नहीं बच पाती।”* उन्होंने अपनी फोर्स को धन्यवाद दिया, जिसने उन्हें ऐसी मुश्किल परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार किया।

क्या होता है सीपीआर ट्रीटमेंट?

सीपीआर यानी कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन एक इमरजेंसी तकनीक है, जो सांस न ले पाने या दिल की धड़कन रुकने की स्थिति में दी जाती है। इसमें छाती पर दबाव और मुंह से ऑक्सीजन देना शामिल होता है, जिससे मरीज की सांसें वापस आ सकती हैं और दिल की धड़कन दोबारा शुरू हो सकती है। इस तकनीक का सही इस्तेमाल कई लोगों की जान बचा सकता है।

CRPF डे पर मिली नई प्रेरणा

यह घटना ऐसे समय में हुई जब देश CRPF डे 2025 मना रहा है। 1950 में राष्ट्रपति ने CRPF को प्रेसिडेंट कलर देकर सम्मानित किया था। इस मौके पर सब-इंस्पेक्टर अंजलि का यह कार्य देशभर के सुरक्षाकर्मियों के लिए प्रेरणा बन गया है। उनकी बहादुरी यह साबित करती है कि CRPF के जवान न केवल सुरक्षा में आगे रहते हैं, बल्कि आम लोगों की जान बचाने के लिए भी हर समय तैयार रहते हैं।

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