India News (इंडिया न्यूज),Delhi-NCR Grap 3: दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में सुधार के साथ ही गैर-जरूरी निर्माण कार्यों और अन्य प्रतिबंधों पर लगी रोक हटा ली गई है। केंद्र के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने रविवार को अनुकूल मौसम और वायु प्रदूषण के स्तर में गिरावट के चलते ग्रैप-3 के तहत लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने का फैसला किया।
किन कामों पर लगा था बैन
गुरुवार को फिर से लागू किए गए ग्रैप-3 के तहत गैर-जरूरी निर्माण कार्यों पर रोक, बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहनों के उपयोग पर प्रतिबंध, और स्कूलों में पढ़ाई का हाइब्रिड मोड जैसे नियम लागू किए गए थे। इस दौरान, वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गंभीर श्रेणी में पहुंचने के आसार थे।
हल्की बारिश ने प्रदूषण के स्तर को किया कम
दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुई हल्की बारिश ने प्रदूषण के स्तर को काफी हद तक कम कर दिया। रविवार को दिल्ली का एक्यूआई 278 दर्ज किया गया, जो चरण-3 प्रतिबंध लागू करने की 350 की सीमा से काफी कम है। पश्चिमी विक्षोभ भूमध्य सागरीय क्षेत्र से उत्पन्न एक मौसमी प्रणाली है, जो उत्तर-पश्चिम भारत में सर्दियों के दौरान बारिश और बर्फबारी लाती है।
आगे भी राहत की संभावना
एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ के 14-15 जनवरी के बीच उत्तर-पश्चिम भारत को प्रभावित करने की संभावना है, जिससे वायु गुणवत्ता में और सुधार हो सकता है। सर्दियों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए ग्रैप लागू किया जाता है, जो प्रदूषण के स्तर के अनुसार चार चरणों में विभाजित होता है।
क्या है ग्रैप का चरण-3?
ग्रैप-3 के तहत गंभीर वायु प्रदूषण (एक्यूआई 401-450) के दौरान सख्त प्रतिबंध लगाए जाते हैं। इनमें गैर-जरूरी निर्माण कार्यों पर रोक, कुछ वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध और स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षा के विकल्प शामिल हैं। हालांकि, ताजा फैसले के तहत अब इन प्रतिबंधों को हटा लिया गया है, जिससे निर्माण क्षेत्र और वाहन उपयोगकर्ताओं को राहत मिली है। वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप को सर्दियों के मौसम में विशेष रूप से लागू किया जाता है। आने वाले दिनों में अनुकूल मौसम की वजह से प्रदूषण के स्तर में और सुधार की उम्मीद है।
मधुबनी को नीतीश कुमार की बड़ी सौगात, 1,107 करोड़ की योजनाएं और 500 एकड़ में बनेगा औद्योगिक क्षेत्र