MP, राजस्थान की तरह दिल्ली में भी लिया जा सकता है चौंकाने वाला फैसला, नए CM की रेस में ये सबसे आगे
Delhi New CM
India News (इंडिया न्यूज़),Delhi New CM: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों के बाद सबसे ज्यादा चर्चा का विषय यही है कि दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होगा? सीएम की रेस में प्रवेश वर्मा का नाम सबसे आगे चल रहा है, लेकिन सूत्रों से हमारे पास जो दावेदारों की लिस्ट आई है, उसने फिर से बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या दिल्ली पर फैसला हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान की तरह चौंकाने वाला होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना अमेरिकी दौरा खत्म करके भारत पहुंच चुके हैं। उनके आने के बाद ही सीएम का चेहरा फाइनल होना है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली के नए सीएम 19 फरवरी को शपथ लेंगे। इससे पहले 17 या 18 फरवरी को विधायक दल की बैठक होगी। उसके लिए दो दिन में पर्यवेक्षकों के नाम तय हो जाएंगे, पर्यवेक्षक सीएम के नाम का ऐलान करेंगे। सवाल ये है कि क्या दिल्ली में सीएम का नाम एमपी और राजस्थान की तरह पर्ची से निकलेगा, जैसे 2023 में राजनाथ सिंह सीएम चुनने के लिए पर्यवेक्षक बनकर राजस्थान गए थे और उन्होंने पर्ची वसुंधरा राजे को थमा दी थी।
इन नामों पर हो रही है चर्चा
बीजेपी सीएम के तौर पर किसी को भी चुन सकती है, लेकिन पिछले 48 घंटों में पार्टी के अंदर चल रहे लगातार मंथन ने सीएम के नाम पर सस्पेंस बढ़ा दिया है। हर बैठक के साथ ही राजनीतिक गलियारों में एक-दो नए नाम सामने आने लगते हैं। फिलहाल सीएम के नाम की रेस में पांच चर्चित चेहरे प्रवेश वर्मा, रेखा गुप्ता, विजेंद्र गुप्ता, वीरेंद्र सचदेवा और सतीश उपाध्याय हैं। इन पांच नामों में से सिर्फ वीरेंद्र सचदेवा ही अभी विधायक नहीं हैं, लेकिन बाकी चार नाम विधायक हैं और दिल्ली बीजेपी की राजनीति के पुराने नाम भी हैं।
प्रवेश वर्मा का नाम सबसे आगे
इन पांच नामों में प्रवेश वर्मा पहले दिन से ही आगे चल रहे हैं, लेकिन दूसरे नामों ने प्रवेश वर्मा के समर्थकों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। प्रवेश वर्मा को इसलिए भी आगे माना जा रहा है क्योंकि उन्होंने दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को हराया है, पार्टी का चर्चित चेहरा हैं और दिल्ली में बीजेपी की पसंदीदा हिंदुत्व की राजनीति के पोस्ट बॉय माने जाते हैं।
प्रवेश वर्मा को इन चेहरों से मिल रही है चुनौती
प्रवेश को चुनौती देने वाले चेहरों में रेखा गुप्ता पहली बार शालीमार बाग से विधायक बनी हैं, लेकिन पार्टी की पुरानी कार्यकर्ता हैं, पार्षद और मेयर रह चुकी हैं। विजेंद्र गुप्ता विपक्ष के नेता थे और केजरीवाल लहर में भी रोहिणी से जीते थे। सतीश उपाध्याय पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और मालवीय नगर से चुनाव जीत चुके हैं। पार्टी सूत्र कई दिनों से रिपोर्ट कर रहे हैं कि सीएम का चयन विधायकों में से ही होगा। अगर ऐसा हुआ तो प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा की दावेदारी कमजोर होगी, लेकिन जिस तरह से उन्होंने चुनावी चक्रव्यूह तैयार किया है और आम आदमी पार्टी के किले को ध्वस्त किया है, उससे उनका किला भी मजबूत हो सकता है।
भाजपा का चौंकाने का इतिहास रहा है
भाजपा का समय-समय पर चौंकाने का इतिहास रहा है। मध्य प्रदेश और राजस्थान इसके ताजा उदाहरण हैं। ऐसे में कई ऐसे नाम भी चर्चा में हैं जो डार्क हॉर्स साबित हो सकते हैं। इनके नामों पर भी चर्चा हो रही है। इन अनजान चेहरों में उत्तम नगर से विधायक पवन शर्मा भी शामिल हैं। घोंडा से अजय महावर विधायक हैं। आदर्श नगर के विधायक राजकुमार भाटिया हैं। विकासपुरी के विधायक पंकज सिंह और लक्ष्मी नगर के विधायक अभय वर्मा हैं। इन पांचों चेहरों की सबसे बड़ी पहचान यही है कि ये बीजेपी के वफादार और पुराने कार्यकर्ता हैं।
इस बार पूर्वांचल से चार विधायक जीते हैं, इनमें कपिल मिश्रा, अभय वर्मा, पंकज सिंह और चंदन चौधरी शामिल हैं। बिहार में साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। सीएम की रेस में शामिल पंकज सिंह और अभय वर्मा मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। इस बार पूर्वांचल के वोटरों ने बीजेपी के पक्ष में जमकर वोट किया है।
बीजेपी का सीएम बनने के लिए किन गुणों की जरूरत होती है?
दरअसल बीजेपी दो मुद्दों को तुरंत सुलझाना चाहेगी। पहला यमुना की सफाई और दूसरा दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाना। जिस नेता के पास इन दोनों को सुलझाने का विजन होगा, वह अपने आप इस पद का चेहरा बन सकता है। दिल्ली में बीजेपी 26 साल बाद सत्ता में लौटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद यह पहला मौका होगा जब दिल्ली में बीजेपी का सीएम होगा और खुद प्रधानमंत्री भी देश की राजधानी दिल्ली को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाना चाहते हैं। इसी वजह से सीएम फेस को लेकर फैसला काफी सोच समझकर लिया जाएगा।