India News (इंडिया न्यूज),Delhi Pollution News: दिल्ली में प्रदूषण के गंभीर हालात के बीच आम आदमी पार्टी सरकार और उपराज्यपाल के बीच सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में GRAP-3 के तहत शुक्रवार से सख्त पाबंदियां लागू की गई हैं, लेकिन उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार पर प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू करने में देरी का आरोप लगाया है।
सरकारी कार्यालयों का बदला समय
एलजी कार्यालय का कहना है कि वायु प्रदूषण से बचने के लिए सरकारी कार्यालयों के समय बदलने का प्रस्ताव 14 अक्टूबर को पेश किया गया था। हालांकि, इसे लागू करने में 15 दिन की देरी की गई, जिससे प्रदूषण की स्थिति और बिगड़ गई। डीडीएमए की 24 अक्टूबर को हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा की गई थी और उपराज्यपाल ने इस पर सहमति भी दी थी।
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ट्रैफिक कम करने के उद्देश्य से बदला गया दफ्तर का समय
मुख्यमंत्री आतिशी ने सरकारी कार्यालयों के समय में बदलाव का आदेश जारी करते हुए कहा कि अलग-अलग समय पर कार्यालय खुलने और बंद होने से ट्रैफिक दबाव कम होगा और प्रदूषण में कमी आएगी। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बताया कि इस कदम से सुबह और शाम के पीक आवर्स में प्रदूषण नियंत्रित होगा।
GRAP-3 लागू, कड़े नियमों का ऐलान
प्रदूषण नियंत्रण के लिए GRAP-3 के तहत दिल्ली में निर्माण कार्यों पर रोक, बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहनों पर प्रतिबंध और अंतरराज्यीय बसों के प्रवेश को नियंत्रित किया गया है। हालांकि, उपराज्यपाल ने सुझाव दिया कि सरकार को सड़कों की मरम्मत, धूल नियंत्रण और हरियाली बढ़ाने जैसे उपायों पर पहले ही अमल करना चाहिए था। दिल्ली की जनता जो लगातार पांच दिनों से प्रदूषण के कारण परेशान है, उम्मीद कर रही है कि इन कदमों से राहत मिलेगी। लेकिन सियासी खींचतान ने प्रशासनिक फैसलों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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