India News (इंडिया न्यूज),Delhi Pollution Update: दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, जहां कई इलाकों में यह 1000 के पार दर्ज किया गया। मंगलवार तड़के से छाई घनी धुंध ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया।
ग्रैप-4 लागू होने के बाद राजधानी पर पड़ा ये प्रभाव
ग्रैप-4 लागू होने के बाद राजधानी में ट्रक, लोडर समेत अन्य भारी वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत नहीं होती है। हालांकि, आवश्यक सामग्री की आपूर्ति करने वाले वाहनों को प्रवेश दिया जाता है. सभी प्रकार के निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है। राज्य सरकार स्कूली छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं और सरकारी तथा निजी कार्यालयों के लिए घर से काम करने पर भी निर्णय लेती हैं। ऑड-ईवन का निर्णय भी चौथे चरण में लिया जा सकता है, हालांकि यह जरूरी नहीं है।
दिल्ली प्रदूषण के कारण, हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ने उठाया एक महत्वपूर्ण कदम
यहां जानें क्या अदालतों पर भी पड़ेगा असर ?
दिल्ली में लगातार AQI के खतरनाक स्तर को देखा जा रहा है। हाल ही में AQI 1000 के पार दर्ज किया गया। जिसके चलते ग्रैप-4 लागू हो गया है। ऐसे में कई प्रतिबंध भी लगया गया है। अब अदासतों को लेकर एक जानकारी सामने आई है। जिसमें CJI संजीव खन्ना की अगुवाई वाली बेंच ने वरिष्ठ वकील से की चर्चा वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण से बाहर हो रहा है। CJI ने कहा कि हमने यहां सभी जजों से कहा है कि जहां भी संभव हो वर्चुअल की अनुमति दें। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यह संदेश अन्य अदालतों तक पहुंचाने की जरूरत है। वकील शंकर नारायण ने कहा कि GRAP अदालत पर नहीं लगता CJI ने कहा कि देखिए, हमें वकीलों के सहयोग की भी जरूरत है। हम पहले ही बता चुके हैं। एसजी तुषार मेहता ने कहा कि क्या इसे अदालतों तक भी बढ़ाया जा सकता है? सैद्धांतिक रूप में। CJI ने कहा कि हमने सभी को समायोजित करने का संदेश दिया है। ऑनलाइन तो वैसे भी उपलब्ध है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर की सभी अदालतों को वर्चुअल हीयरिंग करने को कहा, वकील वर्चुअल पेश हों। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जितने कम वाहन चलेंगे। उतना प्रदूषण घटेगा और यह सभी के सहयोग से ही होगा। CJI संजीव खन्ना ने कहा कि वकीलों के पास अदालतों में फिजिकली या वर्चुअली उपस्थित होने का विकल्प है CJI ने वकीलों को आश्वासन दिया कि कोर्टरूम में वकीलों की अनुपस्थिति के कारण कोई भी मामला खारिज नहीं किया जाएगा। SG ने फिर से वर्चुअल मोड का अनुरोध किया लेकिन CJI ने कहा कि फिलहाल अदालतें हाइब्रिड मोड में काम करेंगी।
प्रदूषण रोकने के लिए CM भजनलाल का बड़ा फैसला, 3000 माइंस-इंडस्ट्रीज को किया बंद