India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi Railway Station: दिल्ली पुलिस ने राजधानी के सात प्रमुख रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय लिया है। यह कदम 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ के बाद उठाया जा रहा है, जिसमें 18 बेगुनाह लोगों की जान चली गई थी, जिनमें कुछ बच्चे भी शामिल थे।
सुरक्षा स्टाफ की कमी
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली के सात प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा स्टाफ की कमी है, खासकर सब-इंस्पेक्टर और अन्य लोअर स्टाफ की। इस कमी के कारण स्टेशन पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं हो पाती। दिल्ली में कुल 46 रेलवे स्टेशन हैं, जिनमें नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, आनंद विहार, सब्जी मंडी, सराय रोहिल्ला, दिल्ली कैंट और हज़रत निजामुद्दीन जैसे प्रमुख स्टेशन शामिल हैं। इन स्टेशनों पर यात्रियों की संख्या तो लगातार बढ़ रही है, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था में कोई खास इजाफा नहीं हुआ है। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस हादसे के बाद मामले की जांच शुरू कर दी है और सुरक्षा उपायों को सख्त करने की योजना बनाई है। पुलिस विभाग ने इन स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए नए कर्मचारी तैनात करने का फैसला लिया है।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए नई व्यवस्थाएं लागू
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा और भीड़ नियंत्रण के लिए नई व्यवस्थाएं लागू की गई हैं। आरक्षित और अनारक्षित टिकट धारकों के लिए अलग-अलग एंट्री प्वाइंट बनाए गए हैं। गेट नंबर 11 से अनारक्षित टिकट धारकों को प्रवेश दिया जा रहा है, जिससे स्टेशन की भीड़ को नियंत्रित करने में मदद मिल रही है। इसके अतिरिक्त, नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन के पास एक अस्थायी विश्राम स्थल भी स्थापित किया गया है, जहां यात्रियों के लिए टिकट काउंटर और इंक्वायरी सेंटर बनाए गए हैं।
महाकुंभ की भीड़ पर कड़ी निगरानी
महाकुंभ के अंतिम सप्ताह में भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे प्रशासन अलर्ट मोड पर है। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव खुद वॉर रूम से निगरानी कर रहे हैं, जबकि उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार वर्मा नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे हैं। रेलवे प्रशासन हर घंटे अनारक्षित टिकटों की बिक्री का आंकलन कर रहा है, ताकि जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त ट्रेनें चलाई जा सकें। 22 फरवरी को प्रयागराज के लिए अनारक्षित टिकटों की बिक्री में बड़ी बढ़ोतरी देखी गई, जिससे यात्रियों की संख्या सामान्य दिनों से कहीं अधिक हो गई। इसे ध्यान में रखते हुए रेलवे ने प्रत्येक घंटे में अतिरिक्त ट्रेनें चलाई।