India News (इंडिया न्यूज), Delhi Today AQI: दिल्ली में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुकी है, और इस समस्या से निपटने के लिए अब एक नया कदम उठाया जा रहा है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने फैसला किया है कि ड्रोन की मदद से अवैध फैक्ट्रियों और औद्योगिक इकाइयों का सर्वे किया जाएगा, जो वायु प्रदूषण फैलाती हैं। इन फैक्ट्रियों में जींस रंगाई, रेडी-मिक्स कंक्रीट (RMC) प्लांट और इलेक्ट्रोप्लेटिंग इकाइयां शामिल हैं, जो खासकर रिहायशी इलाकों में अवैध रूप से चल रही हैं।
17 प्रदूषण के हॉटस्पॉट्स में सर्वे
यह सर्वे दिल्ली के 17 प्रदूषण के हॉटस्पॉट्स और इनके आस-पास के इलाकों में किया जाएगा। इन क्षेत्रों में तुखमीरपुर, करावल नगर, गोकुलपुरी, गाजीपुर, आली विहार, मीठापुर और अन्य इलाके शामिल हैं, जहां जींस वॉशिंग और डाइंग इकाइयां चलती हैं। सर्वे के लिए ड्रोन का उपयोग किया जाएगा, जो 45 से 60 मिनट तक उड़ान भरेंगे और 750 फीट की ऊंचाई से प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों की तस्वीरें लेंगे। इन तस्वीरों से प्रदूषण के स्रोत का पता चल सकेगा।
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अवैध फैक्ट्रियों और इकाइयों पर कार्रवाई
इस सर्वे का उद्देश्य इन अवैध फैक्ट्रियों और इकाइयों को पहचानकर उन पर कार्रवाई करना है। डीपीसीसी के अधिकारियों का कहना है कि इन इकाइयों से निकलने वाले प्रदूषण ने वायु और जल की गुणवत्ता को बहुत खराब किया है। ड्रोन द्वारा एकत्रित डेटा और तस्वीरें डीपीसीसी को ऑनलाइन भेजी जाएंगी, जिससे उचित कार्रवाई की जा सकेगी।
सरकार का ठोस कदम
यह कदम दिल्ली में प्रदूषण पर काबू पाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि ड्रोन-आधारित सर्वे प्रदूषण के खतरनाक क्षेत्रों की पहचान करने में मदद करेगा और सरकार को समय रहते आवश्यक कदम उठाने का अवसर देगा।