India News (इंडिया न्यूज़)Delhi yamuna cleaning action: दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद राजधानी में यमुना नदी की सफाई शुरू हो गई है। पीएम मोदी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान यमुना नदी की सफाई का वादा किया था। यमुना नदी की सफाई के लिए ट्रैश स्कीमर, वीड हार्वेस्टर और ड्रेज यूटिलिटी क्राफ्ट जैसी आधुनिक मशीनें दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में उतर चुकी हैं। एक अधिकारी ने यह भी बताया कि यमुना की सफाई के लिए उन्हें क्या अल्टीमेटम दिया गया है।

लड़के ने स्टेज पर चढ़कर भर दी थी डांसर की मांग, अब खुली पोल तो पता चली औकात, Video में लड़की ने याद दिला दी नानी

इस वर्ष तक यमुना को साफ करने का अल्टीमेटम दिया गया

दिल्ली के आईटीओ पर यमुना की सफाई का काम चल रहा है। इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव (आई एंड एफ सी) नवीन कुमार चौधरी ने बताया कि उच्च अधिकारियों से मिले निर्देशों के अनुसार हम 3 साल में यमुना की सफाई करेंगे। हमारी कोशिश होगी कि 2027 से पहले इसे साफ कर दिया जाए। यह काम 3-4 चरणों में किया जाएगा। सबसे पहले नदी से ठोस कचरा निकाला जाएगा, यह काम अभी चल रहा है। पुराने एसटीपी प्लांट की मरम्मत कर नया एसटीपी प्लांट लगाया जाएगा, ताकि सारा सीवेज ट्रीटमेंट के बाद ही आए। इसके अलावा कोई भी केमिकल बिना ट्रीटमेंट के न बहाया जाए। इस तरह से काम चल रहा है कि बिना ट्रीटमेंट के यमुना में कुछ भी न जाए।

LG ने काम शुरू करने के दिए निर्देश

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शनिवार को मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव (सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण) से मुलाकात की और उन्हें तुरंत काम शुरू करने को कहा। यमुना नदी की सफाई से जुड़ा एक वीडियो जारी करते हुए एलजी कार्यालय ने कहा कि यमुना नदी की सफाई का काम शुरू हो गया है। कचरा उठाने, खरपतवार और अन्य मलबे को हटाने के लिए स्कीमर और ड्रेज यूटिलिटी क्राफ्ट जैसी मशीनों का इस्तेमाल कर यमुना की सफाई की जा रही है।

सफाई के लिए बनाई गई चार सूत्री रणनीति Delhi yamuna cleaning action:

यमुना नदी की सफाई के लिए चार सूत्री रणनीति तैयार की गई है। सबसे पहले यमुना के पानी में जमा कचरा, अपशिष्ट और गाद को हटाया जाएगा। वहीं, नजफगढ़ ड्रेन, सप्लीमेंट्री ड्रेन और अन्य सभी बड़े नालों की सफाई का काम भी शुरू होगा। तीसरी रणनीति में मौजूदा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की क्षमता और उत्पादन की रोजाना निगरानी की जाएगी। वहीं, चौथी रणनीति के तहत नए एसटीपी और डीएसटीपी के निर्माण के लिए समयबद्ध योजना तैयार की गई है, ताकि करीब 400 एमजीडी गंदे पानी की वास्तविक कमी को पूरा किया जा सके।

महाकुंभ में जाने वाले सावधान! 26 फरवरी तक संगम स्टेशन बंद, प्रयागराज जंक्शन पर भी नहीं आएगी ये ट्रेन