India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi Yamuna Cleaning: दिल्ली की नई रेखा गुप्ता सरकार द्वारा यमुना नदी की सफाई को प्राथमिकता देने के वादे के बीच, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मुद्दे पर सरकार बदलने के बाद समाधान की उम्मीद जताई है। यमुना और अन्य नदियों के प्रदूषण से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने यह टिप्पणी की कि नए हालात में शायद विवादों का समाधान हो सके और नदी की सफाई से जुड़ी योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू किया जा सके।
सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में शुरू की थी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने 13 जनवरी 2021 को यमुना के पानी के जहरीले स्तर तक जाने के बाद खुद संज्ञान लिया था और इस मुद्दे पर सुनवाई शुरू की थी। कोर्ट ने ‘रिवर यमुना मॉनिटरिंग कमिटी’ से इस पर रिपोर्ट मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि केवल यमुना ही नहीं, बल्कि अन्य नदियों के प्रदूषण पर भी विचार किया जाएगा और स्वच्छ पानी को लोगों के मौलिक अधिकार का हिस्सा माना जाएगा। जस्टिस बी आर गवई की बेंच ने टिप्पणी की कि दिल्ली में सरकार बदलने से यमुना नदी के पानी को साफ करने के उपायों में सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
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सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी और आगे की सुनवाई
मंगलवार को मामले की सुनवाई जस्टिस भूषण रामाकृष्ण गवई और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच में हुई। मामले में एमिकस क्यूरी के तौर पर वरिष्ठ वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने जजों को रिपोर्ट दी। उन्होंने बताया कि पहले दिल्ली और हरियाणा में यमुना के पानी में हिस्सेदारी को लेकर कई विवाद रहे हैं। इस पर जस्टिस गवई ने कहा कि अब सरकार बदल गई है और नए हालात में इन विवादों का समाधान किया जा सकता है। सुनवाई के अंत में कोर्ट ने इस मामले की अगली तारीख 4 मार्च को तय की। इससे पहले, वायु प्रदूषण से जुड़े मामलों पर भी सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार बदलने के बाद सुधार की उम्मीद जताई थी।