India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने अनधिकृत निर्माणों को सील करने के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एमसीडी (MCD) और एनडीएमसी (NDMC) से जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता अमित साहनी, जो एक सामाजिक कार्यकर्ता और वकील भी हैं, ने अदालत में यह आरोप लगाया कि बिना सीलिंग ऑर्डर के परिसरों को सील करना और प्रभावित व्यक्तियों को उनके कानूनी अधिकारों से वंचित करना गैरकानूनी है।
एमसीडी और एनडीएमसी से मांगा जवाब
याचिका में बताया गया कि अनधिकृत निर्माणों को सील करने के दौरान एक खामी सामने आई है, जिसके तहत संबंधित अधिनियम के तहत पारित अंतिम सीलिंग आदेश की प्रति प्रभावित व्यक्ति को नहीं दी जाती। इसका परिणाम यह होता है कि प्रभावित व्यक्ति अपने कानूनी उपायों का लाभ नहीं उठा पाता। अक्सर, परिसर सील करने के बाद ही मालिक या निवासी को आदेश की जानकारी मिलती है, जिससे उन्हें कोई अवसर नहीं मिलता कि वे सीलिंग के आदेश के खिलाफ उचित कानूनी कदम उठा सकें।
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सुनवाई 2 अप्रैल तक टली
दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले पर एमसीडी और एनडीएमसी से जवाब मांगा है और अब इस मामले की अगली सुनवाई 2 अप्रैल तक के लिए टाल दी गई है। अदालत की इस पहल से यह साफ हो गया है कि नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं किया जा सकता, और यदि कोई सीलिंग आदेश पारित किया जाता है तो वह कानूनी प्रक्रिया के अनुसार ही होना चाहिए।
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