India News (इंडिया न्यूज), Farishte Scheme: दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की महत्वपूर्ण योजना, फरिश्ते योजना, जो दुर्घटना पीड़ितों को मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान करती है, हाल ही में विवादों में आ गई है। इस योजना के तहत, किसी भी निजी अस्पताल में दुर्घटना के शिकार लोगों का पूरा इलाज दिल्ली सरकार द्वारा मुफ्त में करवाया जाता है। ऐसे में, आप ने उपराज्यपाल (एलजी) पर इस योजना को बाधित करने और सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करने का गंभीर आरोप लगाया है। इस बयानबाजी से सियासी पारा थोड़ा हाई हो गया है।
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फरिश्ते योजना में फंड रोकने का लगा आरोप
जानकारी के मुताबिक, आप सरकार का कहना है कि एलजी के इशारे पर वित्त विभाग ने इस योजना के लिए 29 करोड़ रुपये की राशि रोक दी। इसके चलते कई निजी अस्पतालों ने दुर्घटना पीड़ितों का मुफ्त इलाज करने से मना कर दिया। इसके अलावा, आप का ये भी आरोप है कि एलजी को कई बार इस मुद्दे की जानकारी दी गई, लेकिन उन्होंने उन अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की, जो जानबूझकर इस योजना को बाधित कर रहे थे। आप का कहना है कि एलजी ने सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने और उसके आदेशों की अवमानना की। पार्टी ने कहा कि उन्होंने यह झूठा दावा किया कि उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पत्रों का जवाब दिया था, जबकि वे इन पत्रों को नजरअंदाज करते रहे।
सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद समाधान
इस मुद्दे पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट की ओर से एलजी को नोटिस जारी होने के बाद स्वास्थ्य विभाग को 29 करोड़ रुपये की राशि तुरंत जारी की गई, जिससे फरिश्ते योजना फिर से शुरू हो सकी। बता दें, फरिश्ते योजना का उद्देश्य दुर्घटना पीड़ितों की जान बचाना है, लेकिन फंड रोकने और प्रशासनिक अड़चनों के चलते इसे रोकने की कोशिश की गई। आप सरकार ने इसे जनता के हितों के खिलाफ कदम बताया है।
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