India News (इंडिया न्यूज) Rohingya Muslim in Delhi: भारत में रोहिंग्या रिफ्यूजी को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। NCT दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार पर आरोप प्रत्यारोप का दौड़ शुरू है। सीएम दिल्ली आतिशी ने केंद्र पर रोहिंग्या रिफ्यूजी को दिल्ली में बसाने का आरोप लगाया है। तो वहीं केंद्र में के मंत्री और भाजपा के लोग आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार पर रोहिंग्या को सुविधाएं देने का आरोप लगा रही है। ऐसे में जहां रोहिंग्या रिफ्यूजी रह रहे हैं, वहां भारतीयों के क्या हालात है? इंडिया न्यूज ने जानने की कोशिश की है।
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12 साल से रह रहे हैं रोहिंग्या
बता दें, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बॉर्डर के समीप कालिंदी कुंज पर सैकड़ों रोहिंग्या रिफ्यूजी रहते हैं। कबीर यहां का कम्युनिटी हेड है, कोई भी रोहिंग्या बिना कबीर से पूछे कुछ भी नहीं करता यहां तक कि जो पुलिसकर्मी वहां चेकिंग अभियान के लिए आते हैं वो भी बिना कबीर को विश्वास में लिए वहां नहीं जाते। कबीर बताता है कि वह साल 2012 में यहां आया था। हालांकि कैसे वो यहां तक पहुंचा ये पूछने पर कहते हैं कि यह आप पुलिस से पूछिए, हमारे वकील के बिना हम कुछ भी नहीं बोल सकते हैं।
बगल में रहने वाले भारतीयों की क्या है स्थिति
सीमा पिछले 20 साल से दिल्ली के कालिंदी कुंज में रहती है। वो कहती है कि 2010 के आसपास ये रोहिंग्या यहां रहने आए तब से हम परेशान हो गए है। संदिग्ध स्थिति में यहां आए दिन आग लग जाता है। हमेशा यहां रात को ही आग लगती है। हमारे सामान भी बर्बाद हो जाते हैं। उनको मदद के लिए तो लोग या एनजीओ आते हैं, लेकिन हमारे मदद के लिए कोई भी नहीं आता।
हिन्दुओं की मत करो मदद
सबिता रायबरेली की रहने वाली है, वो बताती हैं कि जब हम कभी उनके राहत सामग्री वितरण में चले भी जाते हैं तो हमें वो भगा देते हैं, कहते हैं कि तुम हिन्दू हो ये सामान हमारे लिए है। वो कहती है बताइए हम अपने देश में ही बेगाने हो गए हैं।