India News(इंडिया न्यूज़),Health facility in delhi: दिल्ली में विधानसभा चुनाव आने वाले है, चुनाव शिक्षा और स्वास्थ्य हर बार बड़ा मुद्दा होता है। इस बार भी सत्ता में बैठे लोग अपनी गुणगान करेंगे, वहीं विपक्षी आलोचना। लेकिन धरातल पर क्या है सच्चाई? इसको जानने के लिए दिल्ली सरकारी अस्पतालों की हालात हमने जानने की कोशिश की है। जो सच्चाई हमने देखी वो सरकारी तंत्र की नाकामी को दिखाता है।
12 से 18 घंटे की लंबी लाइन
दिल्ली के जीबी पंत हॉस्पिटल एक बड़ा हॉस्पिटल है। यहां के इलाज पर लोगों का भरोसा इस कदर है कि दूर दराज से लोग दिल्ली इस अस्पताल में इलाज के लिए आते हैं। लेकिन क्या इलाज मिल पाता है? उत्तर हमने खोजा और जवाब था नहीं, मुरादाबाद से दिल्ली अपने मां का इलाज कराने आए शमशुद्दीन कहते हैं, मैं 11 दिसंबर को दिल्ली आया, लेकिन मेरा नंबर जीबी पंत अस्पताल में नहीं लगा। इसलिए हमें रुकना पड़ा। 11 दिसंबर की शाम के चार बजे से ही लाइन में लगे हैं ताकि 12 दिसंबर को जब 7 बजे लाइन लगे तो सबसे पहले मेरा नंबर लगे।
हो जाती है लड़ाई
सरिता अपनी बेटी के ब्रेन का इलाज के लिए गोरखपुर से आई है। वो बताती है मै दो महीने से आ रही हूं। मेरा नंबर कभी नहीं आ पाता है, जिसके घर में जितने लोग हैं सब अपने बीमार लोगों के लिए लाइन में लगने आते हैं। मैं अकेली हूं इसलिए कोई नहीं दूसरा नहीं आता। मैं रात भर लाइन में लगी हूं ताकि सुबह 7 बजे मेरा नंबर आ जाए और बेटी का इलाज हो पाए। वो बताती है कि अस्पताल कम है, इलाज कराने वाले लोग ज्यादा है। सरकार को चहिए कि अस्पताल बढ़ाए, डॉक्टर बढ़ाए।