India News (इंडिया न्यूज), Hema Malini: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में अपने भाषण के दौरान परिवार और समाज के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि परिवार समाज की बुनियादी इकाई है और यह समाज के निर्माण में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। उनका मानना है कि स्वस्थ और सुदृढ़ समाज के निर्माण के लिए परिवार को मजबूत बनाना आवश्यक है।
तीन बच्चे पैदा करने को दिया समर्थन
भागवत ने अपने विचारों को साझा करते हुए कहा कि प्रत्येक जोड़े को कम से कम तीन बच्चे पैदा करने चाहिए। उनका मानना है कि इससे समाज को नई ऊर्जा मिलेगी और भारत की जनसंख्या का संतुलन बना रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए सही नीतियां जरूरी हैं, लेकिन परिवार को बड़ा और सशक्त बनाने से समाज को बेहतर दिशा में ले जाया जा सकता है।
हेमा मालिनी ने जताई सहमति
इस बयान पर अभिनेत्री और सांसद हेमा मालिनी ने भी सहमति जताई। उन्होंने कहा कि भागवत जी का विचार समाज के लिए अच्छा संकेत है। उन्होंने इसे सकारात्मक नजरिए से देखा और कहा कि अधिक बच्चे होने से परिवारों को खुशी और समाज को शक्ति मिल सकती है। भागवत के इस विचार पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आई हैं। कुछ लोग इसे सकारात्मक मानते हैं, तो कुछ इसे जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में एक उल्टा कदम मानते हैं।
यह मुद्दा हर किसी को सोचने पर मजबूर कर रहा
भागवत के इस विचार ने समाज में चर्चा का विषय बना दिया है। यह मुद्दा हर किसी को सोचने पर मजबूर करता है कि एक संतुलित और सशक्त समाज के निर्माण में परिवार का क्या योगदान हो सकता है। उनकी सलाह को अपनाना या नहीं अपनाना लोगों की सोच और परिस्थितियों पर निर्भर करता है। भागवत का यह विचार एक नए दृष्टिकोण की ओर इशारा करता है जो समाज और परिवार को जोड़ने में मदद कर सकता है।
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