India News (इंडिया न्यूज), CAG Report: दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी की सरकार को कैग रिपोर्ट पर सदन में चर्चा में देरी को लेकर कड़ी फटकार लगाई है। जानकारी के मुताबिक, हाई कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट को सदन के पटल पर पेश करने से बचने की आपकी मंशा से ईमानदारी पर संदेह पैदा होता है।
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कैग रिपोर्ट और विवाद का कारण
ऐसे में, भाजपा ने आरोप लगाया है कि दिल्ली शराब घोटाले से सरकार को 2026 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसके साथ ही, पार्टी ने दावा किया कि AAP के कई नेताओं को इस घोटाले में रिश्वत मिली। बताया गया है कि, भाजपा के 7 विधायकों ने कैग की 14 रिपोर्ट को सदन में पेश न करने को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके अलावा, AAP की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी फर्जी कैग रिपोर्ट दिखा रही है, साथ ही उन्होंने कहा कि असली कैग रिपोर्ट अब तक न मुख्यमंत्री, न विधानसभा अध्यक्ष और न ही उपराज्यपाल ने देखी है। उन्होंने भाजपा से केंद्र की योजनाओं जैसे द्वारका एक्सप्रेसवे और आयुष्मान भारत पर असली रिपोर्ट पर चर्चा करने की मांग की।
हाई कोर्ट की दिखाई सख्ती
जानकारी के मुताबिक, हाई कोर्ट ने AAP सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि रिपोर्ट स्पीकर को तुरंत भेजी जानी चाहिए थी और सदन में चर्चा शुरू होनी चाहिए थी। कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार ने विशेष सत्र बुलाने से पैर पीछे खींचे, जिससे इसकी विश्वसनीयता पर संदेह बढ़ गया। बता दें, दिल्ली सरकार ने तर्क दिया कि फरवरी में विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, इसलिए रिपोर्ट पेश करने का कोई उपयोग नहीं। इस पर कोर्ट ने कहा कि विधानसभा सत्र बुलाना स्पीकर का विवेकाधिकार है, लेकिन मामले पर निष्पक्षता जरूरी है। अब दोपहर 2:30 बजे फिर सुनवाई होगी।