India News (इंडिया न्यूज), Manmohan Singh Death: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा में कई मिसालें पेश कीं। बता दें, ऐसा ही एक किस्सा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का है, जहां छात्रों के विरोध के दौरान उन्होंने नरमी दिखाने की अपील की थी। उनके जाने से JNU में शोक की लहर दौड़ गई है। कई छात्र उन्हें याद कर शोक प्रकट कर रहे हैं।

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छात्रों के बचाव में उतरे थे पूर्व प्रधानमंत्री

बताया जा रहा है कि, यह घटना उस समय की है जब मनमोहन सिंह जेएनयू परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे। उनके संबोधन के दौरान वामपंथी छात्र संगठनों ने उन्हें काले झंडे दिखाए और नारेबाजी की। जिसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने प्रदर्शनकारी छात्रों को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया और कुछ को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया। हालांकि, इस मुड़े ने नया मोड़ भी लिया था जब प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से तत्कालीन कुलपति बीबी भट्टाचार्य को फोन कर छात्रों के साथ नरमी बरतने का सुझाव दिया गया। इस पूरे मामले का जायजा लेने के बाद खुद मनमोहन सिंह ने कहा था, “हो सकता है मैं उनकी बात से सहमत न होऊं, लेकिन उनके अभिव्यक्ति के अधिकार की रक्षा करना मेरी जिम्मेदारी है।”

एक इंटरव्यू में इस घटना का जिक्र हुआ था

जानकारी के मुताबिक, कुलपति बीबी भट्टाचार्य ने 2016 में एक इंटरव्यू में इस घटना का जिक्र करते हुए बताया था कि मनमोहन सिंह ने उनसे अनुरोध किया था, “कृपया छात्रों के साथ नरमी बरतें।” इसके बाद छात्रों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। देखा जाए तो, यह घटना डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को बखूबी दर्शाती है। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है और हर कोई उनके कई योगदान और सादगी भरे व्यक्तित्व को याद कर रहा है।

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