इंडिया न्यूज, Delhi News। Monkeypox Virus : भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद आईसीएमआर (ICMR) ने मंकीपाक्स के बढ़ते खतरे को लेकर चेतावनी (alert) जारी की है। स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा है कि देश (India) में हालांकि अब तक इस संक्रमण का अब तक एक भी मामला नहीं है लेकिन छोटे बच्चों को इस बीमारी का खतरा ज्यादा है। इसी को ध्यान में रखते हुए इसके लक्षणों पर नजर रखनी होगी।
मंकीपाक्स के संक्रमण से सरकार हाई अलर्ट
आईसीएमआर (ICMR) ने कहा कि भले देश में मंकीपाक्स (Monkeypox Virus) के केस की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सरकार इस संक्रमण को लेकर हाई अलर्ट (alert) पर है। आईसीएमआर के एक अधिकारी ने कहा कि गैर स्थानिक देशों में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए भारत पूरी तरह तैयार है।
वैज्ञानिक डा. अपर्णा मुखर्जी ने किया पूरी तैयारी का दावा
वैज्ञानिक डा. अपर्णा मुखर्जी (Scientist Dr. Aparna Mukherjee) ने कहा कि यूरोप, अमेरिका और अन्य देशों में मंकीपाक्स संक्रमण (Monkeypox Virus) तेजी से फैल रहा है। भारत इसके लिए तैयार है। उन्होंने असामान्य लक्षणों पर करीबी निगाह रखने पर जोर दिया।
बच्चों और विदेशी यात्रा करने वालों को रहना होगा सतर्क
डा. अपर्णा मुखर्जी ने (Scientist Dr. Aparna Mukherjee) कहा, ऐसे लोगों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए जो मंकीपाक्स संक्रमण (Monkeypox Virus) से प्रभावित किसी देश की यात्रा करके आए हैं। उन्होंने आगे कहा कि बच्चे संक्रमण को लेकर अधिक संवेदनशील हैं।
बुजुर्गों को लगवाना चाहिए स्मालपाक्स का टीका
बुजुर्गों को स्मालपाक्स (smallpacks) का टीका लगवाना चाहिए। 1980 के दशक के बाद जिन लोगों ने स्मालपाक्स का टीका नहीं लगवाया है उनके इस बीमारी की चपेट में आने की आशंका ज्यादा है। डा. अपर्णा मुखर्जी ने आगे कहा कि इस बीमारी का बच्चों और बुजुर्गों के लिए इलाज समान है।
फिलहाल भारत नहीं पहुंचा है मंकीपाक्स
रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में मंकीपाक्स (Monkeypox Virus) के अब तक कोई भी मामला नहीं है, हालांकि वैश्विक स्तर पर बढ़ते खतरे को देखते हुए यहां भी अलर्ट (alert) जारी किया गया है।
मंकीपाक्स पर विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि देश में फिलहाल मंकीपाक्स को लेकर घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। अर्जेंटीना (Argentina) सरकार ने शुक्रवार को देश में मंकीपाक्स (Monkeypox Virus) के पहले मामले की पुष्टि की है।
ये होते हैं गैर स्थानिक देश
विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ (WHO) के अनुसार गैर स्थानिक देश वो होते हैं जहां संक्रमण के प्रसार की वर्तमान श्रृंखलाएं रिपोर्ट की जा रही हैं।
ऐसा पहली बार हो रहा है कि संक्रमण की श्रृंखलाएं बिना किसी ज्ञात महामारी विज्ञान से जुड़ाव के सामने आ रही हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार एवं कल्याण मंत्रालय जल्द जारी करेगा निर्देश
जानकारी अनुसार बताया जा रहा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार एवं कल्याण मंत्रालय जल्द ही मंकीपाक्स को लेकर आवश्यक निर्देश जारी करने वाला है।
क्या है मंकीपाक्स संक्रमण?
बता दें कि मंकीपाक्स मानव चेचक की तरह ही एक वायरल संक्रमण है। जो पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था। मंकीपाक्स (Monkeypox Virus) का पहला मामला 1970 में मिला था। यह संक्रमण मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका (Africa) के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में पाया जाता है और कभी-कभी अन्य क्षेत्रों में पहुंच जाता है।
मंकीपाक्स के लक्षण…डब्ल्यूएचओ (WHO) के अनुसार
- मंकीपाक्स आमतौर पर बुखार, दाने और गांठ के जरिए उभरता है और इससे कई प्रकार की चिकित्सा जटिलताएं पैदा हो सकती हैं।
- मंकीपाक्स (Monkeypox Virus) के लक्षण आमतौर पर दो से चार सप्ताह तक दिखते हैं, जो अपने आप दूर होते चले जाते हैं।
- कुछ मामले गंभीर भी हो सकते हैं।
- हाल ही में मृत्यु दर का अनुपात लगभग 3-6 प्रतिशत रहा है, लेकिन यह 10 प्रतिशत तक हो सकता है।
- संक्रमण के वर्तमान प्रसार के दौरान मौत का कोई मामला सामने नहीं आया है।
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