India News Delhi (इंडिया न्यूज़): दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से डीएमआरसी को मेट्रो ट्रेनों के अंदर और मेट्रो स्टेशनों के प्लेटफॉर्म पर लगे विज्ञापन पैनल पर लगे एक विज्ञापन को लेकर काफी शिकायतें मिल रही थीं। आइए जानते है पूरी खबर
क्या है मामला?
इस विज्ञापन में 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे की जगह पितृ पूजन दिवस के रूप में मनाने की अपील की गई है। देवी-देवताओं की तस्वीरों के साथ विज्ञापन में यौन उत्पीड़न और दुष्कर्म के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम बापू की भी बड़ी तस्वीर है। ये विज्ञापन मेट्रो की रेड लाइन के कश्मीरी गेट और नेताजी सुभाष प्लेस, येलो लाइन के विश्वविद्यालय और कश्मीरी गेट, ब्लू लाइन के लक्ष्मी नगर, मंडी हाउस और झंडेवालान, वॉयलेट लाइन के नेहरू प्लेस समेत कई मेट्रो स्टेशनों और इन लाइनों पर चलने वाली ट्रेनों के अंदर लगाए गए हैं।
विज्ञापन लगाने की इजाजत..
सोशल मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से कई मेट्रो यात्री डीएमआरसी से इस बारे में न सिर्फ शिकायत कर रहे हैं, बल्कि इस पर कड़ी आपत्ति भी जता रहे हैं और डीएमआरसी से पूछ रहे हैं कि पैसे कमाने के लिए मेट्रो स्टेशनों और मेट्रो ट्रेनों के अंदर बलात्कार के मामले में दोषी ठहराए गए व्यक्ति की फोटो वाले विज्ञापन लगाने की इजाजत कैसे दी जा सकती है?
शिकायतों का संज्ञान
वहीं इस पर डीएमआरसी सफाई दे रही है कि उसने इन सभी शिकायतों का संज्ञान लिया है साथ ही इन विज्ञापन पैनलों को संचालित करने वाले विक्रेता/लाइसेंसधारक को ऐसे सभी विज्ञापनों को तुरंत हटाने का निर्देश दिया है, लेकिन डीएमआरसी के इस दावे के विपरीत सच्चाई यह है कि शिकायत करने के एक हफ्ते बाद भी इन विज्ञापनों को हटाया नहीं गया है। कई शिकायतकर्ताओं ने खुद दिल्ली मेट्रो को बताया है कि उसके निर्देशों के बावजूद अभी तक विज्ञापनों को नहीं हटाया गया है।