India News (इंडिया न्यूज),Sarai kale khan New Name: दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम अब “भगवान बिरसा मुंडा चौक” कर दिया गया है। यह घोषणा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की है। जो जनजातीय समाज के महानायक भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर की गई। इस नामकरण से देश के स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी समाज के योगदान को सम्मान देने की ऐतिहासिक पहल की गई है।

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कौन थे भगवान बिरसा मुंडा ?

भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को झारखंड के खूंटी जिले के उलीहातू गांव में हुआ था। उन्हें उनके अनुयायी “धरती आबा” कहकर पुकारते हैं। उनकी मां का नाम करमी मुंडा और पिता का नाम सुगना मुंडा था। प्रारंभिक शिक्षा मिशनरी स्कूल में प्राप्त करने वाले बिरसा ने पढ़ाई के दौरान ही ब्रिटिश शासन के अत्याचारों को महसूस किया और इसके खिलाफ आवाज उठाई। साल 1894 में जब छोटा नागपुर क्षेत्र में अकाल और महामारी ने तबाही मचाई, तब बिरसा ने पूरे समर्पण से जनसेवा की। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लगान माफी आंदोलन का नेतृत्व किया। 1895 में उन्हें गिरफ्तार कर हजारीबाग जेल भेजा गया। इसके बावजूद 1897 से 1900 के बीच बिरसा और उनके समर्थकों ने ब्रिटिश सेना के खिलाफ कई संघर्ष किए। इस ऐतिहासिक पहल के जरिए सरकार ने बिरसा मुंडा की वीरता और उनकी जनसेवा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास किया है। “भगवान बिरसा मुंडा चौक” का नामकरण आदिवासी समाज के प्रति सरकार के सम्मान का प्रतीक है। यह बदलाव जनजातीय गौरव दिवस को और अधिक महत्वपूर्ण बनाता है, जो देशभर में बिरसा मुंडा के योगदान को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है।

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