India News(इंडिया न्यूज़),Delhi: बुजुर्गों में छोटी चोट भी हड्डियों में बड़ा फ्रैक्चर का कारण बन रही है। आपको बता दें कि पिछले 3 सालों में AIIMS के ट्रामा सेंटर, मुख्य AIIMS, सफदरजंग, डॉ. राम मनोहर लोहिया सहित दूसरे अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है।
हड्डियों में फ्रैक्चर हो जाता है
विशेषज्ञों का कहना है कि बुजुर्गों में छोटी चोट गंभीर हो जाती है। मरीजों के विश्लेषण से पता चलता है कि अक्सर बुजुर्ग वॉशरूम में, सीड़ियों से उतरने समय, चलते समय या दूसरे कारणों में गिर जाते हैं जिससे उनको चोट लग जाती है। हल्की चोट में भी हड्डियों में फ्रैक्चर हो जाता है। सबसे अधिक समस्या 70 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में देखने को मिलती है। ऐसे मरीजों में हिप रिप्लेसमेंट तक की जरूरत पड़ जाती है। इन मरीजों में सर्जरी के बाद रिकवरी धीमी देखी गई है।
जरूरत पड़ती
आपको बता दें कि सफदरजंग अस्पताल के सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्थोपेडिक्स (सीआईओ) में निदेशक प्रोफेसर डॉ लवनीश जी कृष्णा ने कहा कि बुजुर्ग में छोटी चोट भी हड्डियों में फ्रैक्चर का कारण बन सकती है। यदि बुजुर्ग की उम्र 60 साल के ऊपर होती है तो कोशिश करते हैं कि फ्रैक्चर को इंप्लांट की सहायता से फिक्स कर दिया जाए। वहीं 70 साल के बाद रिप्लेसमेंट करने की जरूरत पड़ जाती है।
हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है
उम्र बढ़ने के साथ हड्डियां भी कमजोर होती है। वहीं ऑस्टियोपोरोसिस इस गति को और तेज कर देती है। इससे हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है। जिस कारण हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ जाता है। यह महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले 4 गुना अधिक प्रभावित कर सकता है।