(इंडिया न्यूज़): पड़ोसी देश नेपाल में मंगलवार देर रात 6.3 तीव्रता का भूकंप आया। झटके भारत के दिल्ली, यूपी समेत उत्तर भारत के 5 राज्यों में भी महसूस किए गए। लोग दहशत में घरों से बाहर निकल आए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, नेपाल में भूकंप 9 नवंबर रात 1 बजकर 57 मिनट पर आया। एपिसेंटर नेपाल के मणिपुर में जमीन से 10 किमी नीचे था। यहां दोती जिले में घर गिरने से 6 लोगों की जान चली गई। PM शेर बहादुर देउबा ने दुख जाहिर किया है। सेना तलाशी और बचाव अभियान में जुट गई है। लेकिन क्या आपको पता है आखिर भूकंप क्यों आता है इसकी वजह क्या है। चलिए जानते हैं…
क्यों आता है भूकंप?
धरती की प्लेटों के टकराने से। हमें पृथ्वी की संरचना को समझना होगा। पूरी धरती 12 टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है। इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है। ये प्लेटें इसी लावे पर तैर रही हैं और इनके टकराने से ऊर्जा निकलती है जिसे भूकंप कहते हैं।
लेकिन प्लेटें क्यों टकराती हैं ?
दरअसल ये प्लेटें बेहद धीरे-धीरे घूमती रहती हैं। इस तरह ये हर साल 4-5 मिमी अपने स्थान से खिसक जाती हैं। कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। ऐसे में कभी-कभी ये टकरा भी जाती हैं।
प्लेटें सतह से कितनी नीचे होती हैं ?
करीब 30-50 किमी तक नीचे हैं। लेकिन यूरोप में कुछ स्थानों पर ये अपेक्षाकृत कम गहराई पर हैं।
भूंकप के केंद्र और तीव्रता का क्या मतलब है?
भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।
भूकंप की गहराई से क्या मतलब है?
मतलब साफ है कि हलचल कितनी गहराई पर हुई है। भूकंप की गहराई जितनी ज्यादा होगी सतह पर उसकी तीव्रता उतनी ही कम महसूस होगी।
भूकंप के खतरे से कैसे बच सकते हैं?
नए घरों को भूकंप रोधी बनाएं। जिस स्थान पर घर बना रहे हैं उसकी जांच करा लें कि वहां जमीन की संरचना भूकंप के लिहाज से मजबूत है या नहीं।
लेकिन पुराने घर का क्या करें, तोड़कर उसे भूकंपरोधी बनाएं?
नहीं, यदि घर पुराने हैं तो रेट्रोफिटिंग के जरिये उसे भूकंपरोधी बना सकते हैं। यह तकनीक उपलब्ध है। इसमें दीवारों को पास में जोड़ा जाता है।