India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Yamuna River: दिल्ली में यमुना नदी में सीवरेज का गंदा पानी गिरने पर अब सख्त जुर्माना लगाया जाएगा। यह कदम 2027 तक यमुना को प्रदूषण मुक्त करने के लिए उठाया गया है। दिल्ली में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की संख्या को बढ़ाया जा रहा है ताकि नदी में गिरने वाले जल को पूरी तरह से साफ किया जा सके।

2026 तक सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट कार्यशील होंगे

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस संबंध में उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की, जिसमें सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों को 2026 तक पूरी तरह से कार्यशील बनाने का फैसला लिया गया। इसके बाद, यमुना में कोई अनुपचारित सीवेज गिराया गया तो इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही औद्योगिक कूड़ा के प्रवाह को रोकने के लिए भी ठोस कदम उठाए जाएंगे। दिल्ली में छह नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जा रहे हैं, जिनसे 2027 तक यमुना को साफ करने में मदद मिलेगी।

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यमुना को साफ करने के लिए पांच बड़े कदम

  • दिल्ली में लगभग एक दर्जन एसटीपी का आधुनिकीकरण किया जा रहा है, और छह नए संयंत्रों का निर्माण जल्द पूरा होगा।
  • यमुना नदी से ठोस कूड़ा और जलकुंभी हटाने के लिए सात मशीनों का उपयोग किया जाएगा।
  • दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी), दिल्ली नगर निगम (एमसीडी), और उद्योग विभाग मिलकर औद्योगिक कूड़ा को रोकने के लिए काम करेंगे।
  • जागरूकता अभियान चलाकर यमुना में मूर्तियों और अन्य सामान के विसर्जन पर कड़ी रोक लगाने की कोशिश की जाएगी।
  • दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) फ्लड नालों के माध्यम से सीवेज के प्रवाह को रोकने का काम कर रहा है। यमुना में 30 नाले गिरते हैं

गंदगी गिराने पर लगेगा जुर्माना

यमुना नदी में करीब 28 से 30 बड़े नाले गिरते हैं, जिनमें सबसे बड़े नजफगढ़ और बारापुला नाले हैं। इन नालों के माध्यम से पानी नदी में जाता है। सरकार इस समस्या को हल करने के लिए ठोस कदम उठा रही है और नालों के माध्यम से सीवेज प्रवाह को रोकने का कार्य कर रही है। इस तरह के कदमों के परिणामस्वरूप, यमुना नदी में गिरते सीवेज के पानी को रोका जा सकेगा और प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकेगा।

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