India News (इंडिया न्यूज़), Ashadha Pradosh Vrat 2024: देवों के देव महादेव को समर्पित हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत की काफी मानता है। इस व्रत के अंदर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा आराधना की जाती है। वही शिवलिंग का अभिषेक भी किया जाता है। मान्यता के अनुसार बताएं तो प्रदोष व्रत को रखने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और जीवन से दुख दर्द दूर करते हैं। वही यह व्रत इस बार आषाढ़ मास की 3 जुलाई 2024 बुधवार को आ रहा है क्योंकि यह व्रत बुधवार को है तो इसलिए इस पर बुध का प्रभाव ज्यादा रहेगा और इसे बुध प्रदोष भी कहा जाएगा।

  • कब है प्रदोष व्रत?
  • जानें कैसे करें पूजा

क्या है प्रदोष व्रत का मुहूर्त और काल?

हिंदू पंचांग के अनुसार देखे तो आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 3 जुलाई 2024 बुधवार को सुबह 7:10 से यह शुरू होगा। वहीं अगले दिन 4 जुलाई 2024 गुरुवार को सुबह 5:54 तक इसका समापन होगा।

ऐसे में बता दे की प्रदोष व्रत में पूजा करने के लिए प्रदोष काल को सर्वोदय समय माना जाता है। तो आषाढ़ त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष काल 3 जुलाई को ही पड़ रहा है। ऐसे में 3 जुलाई को ही प्रदोष व्रत रखा जाएगा। आखिर में बता दे की आषाढ़ प्रदोष के दिन प्रदोष काल शाम 7:23 से लेकर रात 9:24 तक का रहेगा ऐसे में आप प्रदोष व्रत की पूजा करने के लिए 2 घंटे 1 मिनट का समय निकाल सकते हैं। Ashadha Pradosh Vrat 2024

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आखिर क्यों है इस बार का प्रदोष व्रत खास

इस साल का प्रदोष व्रत इसलिए भी खास है क्योंकि इस दिन यानी की 3 जुलाई को शिववास नदी पर है। जो की सूर्योदय से लेकर सुबह 7:10 तक है। इसके बाद शिववास भोजन में है लिहाजा प्रदोष व्रत के दिन शिव भक्त सूर्योदय के बाद भी रुद्राभिषेक कर सकते हैं।

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क्या है पूजा विधि? Ashadha Pradosh Vrat 2024

  • व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
  • शिवजी का स्मरण कर व्रत का संकल्प लें।
  • इसके बाद रुद्राभिषेक करें और शाम को प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।
  • लकड़ी की चौकी पर शिव परिवार की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें।
  • घी का दीपक जलाएं।
  • भगवान को अक्षत सफेद चंदन अर्पित करें।
  • खीर, हलवा, फल, सफेद मिठाई आदि का भोग लगगे।  Ashadha Pradosh Vrat 2024
  • प्रदोष व्रत की कथा जरूर पढ़ें, इसके साथ ही पंचाक्षरी मंत्र का और शिव चालीसा का भी पाठ करें।
  • अगले दिन प्रसाद खाकर व्रत का पारण करें।

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