India News (इंडिया न्यूज), 36 Types of Hell: हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथों, जैसे गरुड़ पुराण और कठोपनिषद्, में मृत्यु और मृत्यु के बाद की स्थिति का विस्तार से वर्णन किया गया है। इन ग्रंथों में बताया गया है कि प्रत्येक जीव अपने कर्मों का फल परलोक में प्राप्त करता है। यमराज जीव को उसके कर्मों के आधार पर स्वर्ग या नर्क में भेजते हैं। नर्क में जीवों को उनके पापों के लिए विशिष्ट प्रकार के दंड दिए जाते हैं। यहां पुराणों में वर्णित 36 प्रमुख नर्कों का वर्णन किया गया है:

1. महावीचि

यह नर्क रक्त से भरा हुआ है और इसमें वज्र के समान कांटे होते हैं। इसमें गाय का वध करने वाले को एक लाख वर्ष तक कांटों से बिंधकर कष्ट सहना पड़ता है।

2. कुंभीपाक

इस नर्क में गर्म रेत और अंगारे बिछे होते हैं। दूसरों की जमीन और ब्राह्मणों की हत्या करने वालों को यहां भेजा जाता है।

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3. रौरव

झूठी गवाही देने वाले व्यक्तियों को इस नर्क में ईख की तरह पेरा जाता है।

4. मंजूस

यह नर्क जलती हुई सलाखों से भरा होता है। निर्दोषों को बंदी बनाने वालों को यहां जलाकर दंडित किया जाता है।

5. अप्रतिष्ठ

धार्मिक व्यक्तियों को कष्ट देने वालों को इस नर्क में डाला जाता है। यह मल, मूत्र और पीब से भरा होता है।

6. विलेपक

मदिरापान करने वाले ब्राह्मणों को लाह की आग से जलते इस नर्क में दंडित किया जाता है।

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7. महाप्रभ

पति-पत्नी में विवाद और अलगाव कराने वालों को इस नर्क में डालकर शूल से छेदा जाता है।

8. जयंती

पराई स्त्रियों से शारीरिक संबंध बनाने वालों को विशाल चट्टान के नीचे दबाकर कष्ट दिया जाता है।

9. शल्मलि

यह नर्क जलते हुए कांटों से भरा होता है। परस्त्री गमन करने वालों को यहां दंडित किया जाता है।

10. महारौरव

खेत, खलिहान, या घर में आग लगाने वालों को युगों तक इस नर्क में पकाया जाता है।

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11. तामिस्र

इस नर्क में चोरों को यमदूत भयानक अस्त्र-शस्त्र से पीटते हैं।

12. असिपत्र

मित्रों को धोखा देने वालों को तलवार जैसे पत्तों वाले इस वन में डालकर दंडित किया जाता है।

13. करंभबालुका

गर्म रेत और अंगारों से भरे इस नर्क में पापियों को 10,000 वर्ष तक रखा जाता है।

14. काकोल

स्वार्थी व्यक्तियों को कीड़े और पीब से भरे इस नर्क में गिराया जाता है।

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15. कड्मल

पंचयज्ञ न करने वालों को मल, मूत्र और रक्त से भरे इस नर्क में गिराया जाता है।

16. तिलपाक

दूसरों को सताने वालों को तिल से तेल निकालने की तरह पीसकर दंडित किया जाता है।

17. महावट

बेटियों को बेचने वालों को मुर्दों और कीटों से भरे इस नर्क में उलटा करके गिराया जाता है।

18. महाभीम

मांस, मदिरा और अखाद्य पदार्थ खाने वालों को सड़े मांस और रक्त से भरे इस नर्क में डाला जाता है।

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19. तैलपाक

शरण में आए हुए व्यक्तियों की मदद न करने वालों को इस नर्क में तेल के कड़ाही में पकाया जाता है।

20. वज्रकपाट

पशुओं पर अत्याचार करने और उनका दूध बेचने वालों को इस नर्क में वज्र के समान कठोर दंड दिया जाता है।

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अन्य प्रमुख नर्क

इनके अलावा निम्नलिखित नर्कों का भी वर्णन है:

  • निरुच्छवास: जहां सांस लेने में अत्यधिक कष्ट होता है।
  • अंड्गरोपचय: पापियों के अंगों को अलग-अलग तरीकों से तोड़ा जाता है।
  • महापायी: असहनीय गर्मी और जलन से युक्त नर्क।
  • महाज्वाल: आग की लपटों से भरा हुआ।
  • क्रकच: शरीर को आरी से काटा जाता है।
  • गुडपाक: गाढ़े गुड़ की चिपचिपाहट से भरा।
  • छुरधार: छुरियों से भरा नर्क।
  • अंबरीष: विषैले सांपों और कीड़ों से युक्त।
  • वज्रकुठार: कठोर कुल्हाड़ी से कष्ट दिया जाता है।
  • कालसूत्र: समय और तापमान का असहनीय प्रभाव।
  • कश्मल: दुर्गंध और गंदगी से भरा।
  • उग्रगंध: जहां दुर्गंध से जीव कष्ट पाते हैं।
  • दुर्धर: अत्यंत कठिन परिस्थितियों वाला नर्क।
  • वज्रमहापीर: कठोर पीड़ा देने वाला नर्क।

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पुराणों में वर्णित ये नर्क मानव को उनके पाप कर्मों के प्रति सचेत करने के लिए बताए गए हैं। इनका उद्देश्य यह है कि व्यक्ति धर्म के मार्ग पर चले और पापों से बचे। धर्मग्रंथों के अनुसार, अच्छे कर्म ही मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करते हैं।

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