India News(इंडिया न्यूज), Aniruddhacharya: सभी लोग जानते हैं की दिवाली का जश्न काफी धूमधाम से मनाया जाता है और यह भी कहा जाता है कि जब भगवान राम वनवास से अयोध्या वापस लौटे थे। तो इस खुशी में दिवाली मनाई जाती है, लेकिन ऐसा नहीं है जिसका उत्तर अनिरुद्धाचार्य द्वारा दिया गया है।
- राम की वापसी पर नहीं मनाते दिवाली
- इस कारण से होती है गणेश-लक्ष्मी की पूजा
अनिरुद्धाचार्य ने दिवाली का बताया सत्य
अनिरुद्धाचार्य की सभा में जब एक बच्ची ने उनसे पूछा की दिवाली हम इसलिए मानते हैं क्योंकि राम जी वापस अयोध्या आए थे, लेकिन भगवान गणेश लक्ष्मी और सरस्वती की पूजा क्यों की जाती है? ऐसे में अनिरुद्धाचार्य ने उस बच्ची का जवाब देते हुए, कहा कि ऐसा नहीं है की दिवाली राम जी की वापसी पर मनाई जाती है। परंतु इसके पीछे कोई और वजह है।
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उन्होंने बताया कि 14 वर्ष की आखिरी दिन में ऊपर हो जाता तो रावण की जगह पर भरत की मर जाते। ऐसे में रावण का वध करने के बाद राम की तुरंत ही वापस चले गए और उसे दिन दशहरे के 20 दिन बाद दिवाली होती है। दशहरा 20 दिवाली इसके मतलब यहां हुआ कि फिर 20 दिन राम थे कहां तो 20 दिन का गणित नहीं बैठता कहीं भी इसलिए तो आपको बताएं दीपावली के दिन ही समुद्र मंथन के टाइम पर समुद्र मंथन से लक्ष्मी जी प्रकट हुई थी। तो लक्ष्मी और नारायण के विवाह की उत्सव में दीपावली मनाई जाती है इसलिए दीपावली में राम जी की पूजा नहीं होती।
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