India News (इंडिया न्यूज), Bada Mangal 2025 Katha: ज्येष्ठ माह के हर मंगलवार को बड़ा मंगल के रूप में मनाने की परंपरा उत्तर भारत, विशेषकर उत्तर प्रदेश, में प्राचीन काल से चली आ रही है। इसे हनुमान जी की उपासना और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन श्रद्धालु व्रत रखते हैं, भंडारे का आयोजन करते हैं, और हनुमान जी के मंदिरों में दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। बड़ा मंगल की महिमा को समझने के लिए हनुमान जी से जुड़ी चार दिव्य पौराणिक कथाओं को जानना जरूरी है।
1. हनुमान जी का जन्म और उनकी शक्ति का रहस्य
हनुमान जी को भगवान शिव का अवतार माना जाता है। जब भगवान विष्णु ने राम के रूप में अवतार लिया, तो शिव जी ने हनुमान के रूप में जन्म लेकर रामभक्ति का आदर्श स्थापित किया। जन्म से ही हनुमान जी में अपार शक्ति थी। बाल्यकाल में उन्होंने सूर्य को फल समझकर निगल लिया था। इंद्रदेव के वज्र प्रहार से उनकी ठोड़ी पर चोट लगी, जिसके कारण उन्हें “हनुमान” नाम मिला। उनकी शक्तियों को देवताओं ने उनके बचपन में छिपा दिया था, ताकि वे उनका सही समय पर उपयोग कर सकें। यह कथा हमें सिखाती है कि हर शक्ति का उपयोग सही समय पर और सही उद्देश्य के लिए होना चाहिए।
2. ज्येष्ठ माह का महत्व और बड़ा मंगल की शुरुआत
ज्येष्ठ माह का विशेष महत्व हनुमान जी की कृपा से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि त्रेतायुग में श्रीराम ने सीता की खोज में हनुमान जी को भेजा। ज्येष्ठ माह में उन्होंने अपनी असाधारण बुद्धि और शक्ति से लंका का मार्ग खोजा और सीता माता का पता लगाया। लंका जाने से पहले हनुमान जी ने मंगलवार को विशेष पूजा की, और यह परंपरा उसी समय से आरंभ हुई। बड़ा मंगल के दिन हनुमान जी के उपासक उनकी कृपा से बाधाओं और कष्टों से मुक्त हो जाते हैं।
3. अहिरावण वध और हनुमान जी की भक्ति
राम और रावण के युद्ध के दौरान अहिरावण, जो पाताल लोक का राजा था, ने भगवान राम और लक्ष्मण का अपहरण कर लिया। हनुमान जी ने पाताल लोक जाकर अहिरावण का वध किया और भगवान राम और लक्ष्मण को मुक्त कराया। इस घटना से यह सिद्ध होता है कि हनुमान जी अपने भक्तों के रक्षक हैं और किसी भी संकट से उन्हें बचा सकते हैं।
4. तुलसीदास जी और हनुमान चालीसा
तुलसीदास जी ने हनुमान जी की कृपा से ही रामचरितमानस की रचना की। जब तुलसीदास जी संकट में थे, तो उन्होंने हनुमान चालीसा का पाठ किया। इसके फलस्वरूप उनकी सभी बाधाएं समाप्त हो गईं। यह कथा यह संदेश देती है कि हनुमान चालीसा का पाठ श्रद्धा और भक्ति के साथ करने से जीवन के सभी संकट दूर हो सकते हैं।
बड़ा मंगल के उपासना विधि
- प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- हनुमान जी के समक्ष दीपक जलाएं और फूल, चंदन और प्रसाद अर्पित करें।
- हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।
- भंडारे का आयोजन कर भक्तों को प्रसाद वितरित करें।
बड़ा मंगल की परंपरा हनुमान जी की भक्ति और उनके दिव्य चरित्र की याद दिलाती है। यह दिन हमें न केवल हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने का अवसर देता है, बल्कि हमें सेवा, दान, और भक्ति के महत्व को भी समझाता है। ज्येष्ठ माह के हर मंगलवार को सच्चे मन से हनुमान जी की उपासना करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और भक्तों को अद्भुत आत्मिक शांति की प्राप्ति होती है।