India News (इंडिया न्यूज),  Baidyanath Temple Alliance Tradition: यदि आप शादीशुदा जीवन में चल रही परेशानियों से जूझ रहे हैं और समाधान की तलाश में हैं, तो झारखंड का बाबा बैद्यनाथ धाम आपके लिए उम्मीद की किरण बन सकता है। यहां होने वाली ‘गठबंधन पूजा’ को लेकर श्रद्धालुओं में यह विश्वास है कि यह अनुष्ठान उनके वैवाहिक रिश्ते को मजबूती और नई शुरुआत देता है।

बाबा बैद्यनाथ मंदिर वैवाहिक एकता का प्रतीक

बाबा बैद्यनाथ मंदिर देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना गया है। यहां भक्त न सिर्फ भगवान शिव की उपासना करने के लिए आते हैं, बल्कि इस जगह को शक्ति पीठ के रूप में भी जाना जाता है। मान्यता है कि यहां सती का हृदय गिरा था, जिससे यह मंदिर और अधिक पवित्र हो जाता है। शक्ति और शिव का यह संगम वैवाहिक एकता का प्रतीक माना जाता है।

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मंदिर में जाकर लोग बचा रहे अपने रिश्ते

इस मंदिर में एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है, जिसमें पति-पत्नी शिव और पार्वती के मंदिरों के बीच लाल धागा बांधते हैं। यह सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि रिश्ते को बचाने का संकल्प होता है। लोगों का कहना है कि जब हर उपाय विफल हो गया, तब इस पूजा ने उनके विवाह को बचाया। श्रद्धालु इसे सिर्फ प्रार्थना नहीं, बल्कि एक वचनबद्धता मानते हैं जो उन्हें एक-दूसरे के प्रति समर्पण की भावना से जोड़ती है। इस अनुष्ठान के बाद कई जोड़े अपने रिश्तों में फिर से खुशहाली और समझदारी पाते हैं।

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