India News (इंडिया न्यूज),Chaitra Navratri 2025: आज चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन यानि दुर्गा अष्टमी है। दुर्गा अष्टमी पर देवी महागौरी की पूजा की जाती है। उसके बाद कन्या पूजन किया जाता है। आज चैत्र शुक्ल अष्टमी तिथि, पुनर्वसु नक्षत्र, सुकर्मा योग, विष्टि करण, पूर्व दिशा का दिशाशूल और मिथुन राशि का चंद्रमा है। अष्टमी तिथि पर रवि योग बन रहा है। दुर्गा अष्टमी पर महागौरी की पूजा करने से व्यक्ति को सुख, समृद्धि और दीर्घायु की प्राप्ति होती है, लोगों के कष्ट दूर होते हैं। हजारों वर्षों की कठोर तपस्या के कारण माता पार्वती का शरीर काला पड़ गया था। भगवान शिव के आशीर्वाद से उन्हें गौर वर्ण प्राप्त हुआ, इसलिए उनके इस रूप को महागौरी कहा जाता है। मां महागौरी सफेद वस्त्र पहनती हैं, उनका वाहन वृषभ यानी बैल है। उनका शस्त्र त्रिशूल है। महागौरी को नारियल या उसकी मिठाई का भोग लगाना चाहिए। इसके अलावा आप खीर, पूरी, हलवा, काले चने का भोग भी लगा सकते हैं।

कन्या पूजन विधी

फिर कन्या पूजन की रस्म होती है। कन्या पूजन में कम से कम 2 कन्याओं और एक बालक को शामिल करें। सच्चे मन से उनका स्वागत और सम्मान करें। चावल, फूल, माला, चंदन, रोली आदि से उनकी पूजा करें। फिर उन्हें भोजन कराएं। उपहार और दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। दुर्गा अष्टमी पर शनिवार का व्रत भी होता है। इसमें कर्मफल दाता शनि महाराज की पूजा की जाती है। उन्हें काले तिल, सरसों का तेल, नीले फूल, नीले और काले कपड़े, गुलाब जामुन आदि चढ़ाए जाते हैं। शनिवार को सरसों का तेल, कंबल, काला छाता, जूते, चप्पल आदि दान करने से शनि दोष दूर होता है। साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिलती है। आज के पंचांग से जानें दुर्गा अष्टमी का शुभ समय, सूर्योदय, चंद्रोदय, सुकर्मा योग, भद्रा, राहुकाल, दिशाशूल आदि।

आज का पंचांग, ​​5 अप्रैल 2025

आज की तिथि- अष्टमी- शाम 07:26 बजे तक, फिर नवमी
आज का नक्षत्र- पुनर्वसु- 06 अप्रैल प्रातः 05:32 बजे तक, तत्पश्चात पुष्य
आज का करण- विष्टि- 07:44 AM तक, बव- 07:26 PM तक, बालव
आज का योग- अतिगण्ड- रात्रि 08:03 बजे तक, तत्पश्चात सुकर्म
आज का पक्ष- शुक्ल
आज का दिन- शनिवार
चंद्र राशि- मिथुन- रात्रि 11:25 बजे तक, तत्पश्चात कर्क

चैत्र नवरात्रि दुर्गा अष्टमी का शुभ समय

ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 04:35 बजे से प्रातः 05:21 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:59 बजे से दोपहर 12:49 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:30 बजे से 03:20 बजे तक
अमृत ​​काल: कल प्रातः 03:07 बजे से प्रातः 04:43 बजे तक
रवि योग: कल प्रातः 05:32 से प्रातः 06:05 तक

दिन का शुभ चौघड़िया समय

शुभ-उत्तम: प्रातः 07:41 बजे से प्रातः 09:15 बजे तक
चारा-आम: दोपहर 12:24 बजे से 01:58 बजे तक
लाभ-उन्नति: दोपहर 01:58 बजे से दोपहर 03:33 बजे तक
अमृत-सर्वोत्तम: 03:33 PM से 05:07 PM तक

रात्रि का शुभ चौघड़िया मुहूर्त

लाभ-उन्नति: शाम 06:41 बजे से रात 08:07 बजे तक
शुभ-उत्तम: रात्रि 09:32 बजे से रात्रि 10:58 बजे तक
अमृत-सर्वोत्तम: रात्रि 10:58 बजे से कल रात्रि 12:23 बजे तक
चर-आम: 12:23 पूर्वाह्न से 01:49 पूर्वाह्न, 06 अप्रैल
लाभ-उन्नति: प्रातः 04:40 से प्रातः 06:05 तक, 06 अप्रैल

अशुभ समय

राहुकाल- प्रातः 09:15 बजे से प्रातः 10:50 बजे तक
गुलिक काल- 06:07 AM से 07:41 AM तक
यमगंड- 01:58 PM से 03:33 PM तक
दुर्मुहूर्त- प्रातः 06:07 बजे तक 06:57 AM, 06:57 A M से 07:47 AM
भद्रा- 06:07 AM से 07:44 AM
भद्रा स्वर्ग में निवास करती है
दिशाशूल- पूर्व

शिव श्मशान में निवास करते हैं – 07:26 PM तक, उसके बाद देवी गौरी के साथ।

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