India News (इंडिया न्यूज),Chaitra Navratri 2nd Day: इस वर्ष चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी के साथ देवी चंद्रघंटा की भी पूजा की जाएगी। देवी चंद्रघंटा को चंद्रघंटा इसलिए कहा जाता है क्योंकि उनके माथे पर घंटी के आकार का अर्धचंद्र सुशोभित होता है। देवी चंद्रघंटा की पूजा करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। सफेद वस्त्र धारण करने वाली देवी ब्रह्मचारिणी के दाहिने हाथ में माला और बाएं हाथ में कमंडल है। इनकी पूजा करने से व्यक्ति में जप और ध्यान की शक्ति बढ़ती है। तो आइए आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं देवी ब्रह्मचारिणी और चंद्रघंटा के लिए किए जाने वाले उपायों के बारे में, जिन्हें करने से आप अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
मंत्र का जाप
यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा बहुत प्रतिभाशाली, होनहार, बुद्धिमान और कुशल हो, तो आपको चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन थोड़ी सी ब्राह्मी जड़ी बूटी लेनी चाहिए और उस पर 108 बार इस मंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र है- या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः। इस मंत्र का जाप करने के बाद उस ब्राह्मी को अपने बच्चे को खिलाएं और चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन से लगातार सात दिनों तक ऐसा ही करें।
सात दालों का चूर्ण
अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा बहुत जल्द उन्नति के शिखर पर पहुंचे तो चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन सात दालों का चूर्ण बना लें। इस पर ग्यारह सौ बार इस मंत्र का जाप करें। मंत्र है- ‘या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः’ इसके बाद बच्चे से उसका स्पर्श करवाकर उसे किसी पेड़ की जड़ में रख दें या किसी पक्षी को खिला दें।
साबुत लाल मसूर
अगर आपने किसी से कर्ज लिया है और काफी प्रयासों के बाद भी वह चुकाया नहीं जा रहा है तो चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां की पूजा के समय सवा किलो साबुत लाल मसूर की दाल लाल कपड़े में बांधकर अपने सामने रख लें और फिर घी का दीपक जलाकर मां के इस मंत्र का 108 बार जाप करें। मंत्र है- दधानां कर पद्माभ्यां अक्षमाला कमंडलं। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिणीः अत्युतम। पूजा संपन्न होने के बाद मसूर की दाल को अपने ऊपर से 7 बार घुमाकर किसी सफाई कर्मचारी को दे दें।
सफेद फूल
अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे अच्छी विद्या प्राप्त करें तो चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन आपको चमेली या कोई भी दूसरा सफेद फूल 6 लौंग और एक कपूर के साथ लेकर देवी मां को चढ़ाना चाहिए और भोग लगाते समय इस मंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र है- या देवी सर्वभूतेषु विद्या रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
देवी ब्रह्मचारिणी का मंत्र जाप
अगर आप जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल करना चाहते हैं तो चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन आपको देवी ब्रह्मचारिणी के मंत्र का 11 बार जाप करना चाहिए। मंत्र है- दधानाम कर पद्माभ्यां अक्षमाला कमंडलुम। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिणी: अत्युत्तमा। इस प्रकार जप करने के बाद देवी मां को पुष्पांजलि अर्पित करें।
मां ब्रह्मचारिणी के स्तोत्र
अगर आप अपना ज्ञान बढ़ाना चाहते हैं और अपनी अशांत जिंदगी में शांति पाना चाहते हैं तो चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन आपको मां ब्रह्मचारिणी के स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। देवी मां का स्तोत्र इस प्रकार है- तपश्चारिणी त्वमहि तापत्रय निवारणम्। ब्रह्मरूप धारा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥ शंकर प्रिया त्वमहि भुक्ति-मुक्ति दायिनी। शांतिदा ज्ञानदा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥
जल में करें प्रवाहित
आपके परिवार पर कभी किसी तरह की मुसीबत न आए, इसके लिए चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन पांच खिले हुए गुलाब के फूलों को डेढ़ मीटर सफेद कपड़े में बांधकर गायत्री मंत्र पढ़ते हुए बहते जल में प्रवाहित करें।
5 सफेद कौड़ियां
अगर आप कर्ज से मुक्ति चाहते हैं तो चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन 5 सफेद कौड़ियां लेकर उन्हें लाल कपड़े में बांधकर देवी मां के मंदिर में चढ़ाएं और देवी मां की विधि-विधान से पूजा करें। पूजा के बाद उस लाल कपड़े को उठाकर अपने साथ घर ले आएं और अपनी तिजोरी में रख लें।
इस मंत्र का जाप
अगर आप अपने जीवन में धन-संपत्ति पाना चाहते हैं तो चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन देवी दुर्गा के इस मंत्र का जाप करें। मंत्र इस प्रकार है- सर्व बाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वित:। मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय:।
11 बार जाप करें मंत्र
अगर आप बेहतर स्वास्थ्य पाना चाहते हैं तो चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा को एक कपूर और 6 लौंग चढ़ाएं। साथ ही दुर्गा जी के मंत्र का 11 बार जाप करें। मंत्र है- देहि सौभाग्य आरोग्यं देहि में परमं सुखम्। रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विसोजहि.|
12 लौंग चढ़ाएं
अगर आप विद्यार्थी हैं और अपने करियर में आगे बढ़ने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन आपको अपनी मेहनत के अनुरूप फल नहीं मिल रहा है तो चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन दुर्गा मां को फूल चढ़ाने के बाद इस मंत्र का 11 बार जाप करें। मंत्र है- या देवी सर्व भूतेषु विद्या रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नमः। साथ ही देवी मां को 2 कपूर की टिकियां और 12 लौंग भी चढ़ाएं।