India News (इंडिया न्यूज़), Chaturmas 2023: सनातन धर्म के अनुसार आषाढ़ माह के चातुर्मास का विशेष महत्व होता है। चातुर्मास (Chaturmas 2023) 4 महीने की वह अवधि होती है। हालांकि इस में चातुर्मास 4 नहीं बल्कि 5 महीने का होगा। मान्यता है कि चातुर्मास में श्री हरि विष्णु योगनिंद्रा में चले जाते है। भगवान के निंद्रा में चले जाने की वजह से कहा जाता है कि इस माह में कोई शुभ कार्य जैसे विवाह या धर्मिक उत्सवों का आयोजन नहीं करना चाहिए।
5 महीने तक नहीं होंगे कोई भी शुभ कार्य
वहीं, देवउठनी एकादशी के दिन चातुर्मास खत्म होने के बाद शुभ कार्य को फिर से शुरू किया जा सकता हैं। बता दे कि इस बार चातुर्मास 4 महीने की बजाय 5 महीने का होगा। इसके अलावा सावन महीने में अधिकमास होने से सावन भी 2 महीने यानि 59 दिन का होगा। इस तरह लोगों को भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए 4 सावन के सोमवार की जगह 8 सावन के सोमवार का व्रत रखकर महादेव की कृपा प्राप्त करने का समय मिलेगा।
चातुर्मास में नहीं करें कोई शुभ काम
- चातुर्मास के 4 महीने में सावन में पत्तेदार सब्जियां और साग-पात खाने से बचना चाहिए। भाद्रपद में दही का सेवन न करें और आश्विन में दूध और कार्तिक महीने में लहसू-प्यास का त्याग करना चाहिए।
- चातुर्मास में तेल, शहद, मूली, परवर, बैंगन, साग आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी इस मौसम में इन्हें सही नहीं माना जाता है।
- चातुर्मास के दौरान दूसरे लोगों से अन्न नहीं लेना चाहिए। लेकन आप जरूरतमंदों को अन्न का दान कर सकते हैं।
- इस दौरान शुभ या मांगलिक कार्य न करें और न ही किसी शुभ कार्य की शुरुआत करें।
- चातुर्मास में तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए, इसके अलावा शरीर में तेल मालिश भी नहीं करनी चाहिए।