India News(इंडिया न्यूज), Shayamanand Singh\ Chhath Puja 2023: छठ महापर्व शुरु होने अब महज कुछ घंटे का समय बचा है। इस पर्व को विशेष रुप से पूर्वी उत्तर प्रदेशों मनाया जाता है। यूपी, बिहार और झारखंड समेत कई राज्यों में इसकी धूम देखने को मिलती है। इस दिन महिलाएं अपने पति, संतान और पूरे परिवार के तरक्की के लिए पूजा करती हैं।

यह पर्व सबसे कठिन पर्वों में जाना जाता है, क्योंकि इस पर्व को करने के नियम काफी कठीन होते हैं। इस पर्व के दौरान महिलाएं 36 घंटों तक निर्जला व्रत रखती है। साथ ही सूर्य देव और षष्ठी माता की पूजा की जाती है। इस पर्व की शुरुआत कार्तिक मास के चतुर्थी तिथि से हो जाती है। छठ महापर्व पूरे चार दिनों का होता है।

  • महिलाएं 36 घंटों तक निर्जला व्रत रखती
  • पांच से छह तरह के सिंदूर की बिक्री

सिंदूर का विशेष महत्व

बिहार के भागलपुर सहित कई जिलों में छठ पर्व पर महिलाएं नाक से मांग तक सिंदूर इसलिए लगती हैं। ताकि उनके पति की लंबी आयु हो उनका समाज में सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़े। धार्मिक मान्यता है कि जो महिलाएं सिंदूर छिपा लेती हैं ,उनके पति समाज में छुप जाते हैं और वह तरक्की नहीं कर पते हैं। इससे उसकी आयु भी काम हो जाती है। सनातन धर्म के अनुसार हिंदू के विभिन्न त्योहारों में सिंदूर का एक अलग ही महत्व है। आस्था का महापर्व छठ को लेकर जहां सूप, डलिया और नारियल का महत्व है।

दुकानदार ने दी जानकारी

वही सिंदूर का भी एक अलग ही महत्व होता है। बिना सिंदूर के छठ पूजा संपन्न नहीं हो सकता। जिसे लेकर भागलपुर के घाटों पर सिंदूर बेचते बाहर से आए हूए दुकानदारों को देखा जा रहा है। वहीं सिंदूर बेचने आए दुकानदारों ने बताया की लगभग पांच से छह तरह के सिंदूर की बिक्री हर वर्ष छठ को लेकर किया जाता है। जिससे अच्छी आमदनी भी हो जाती है। साथ ही दुकानदार ने बताया कि इस बार का भाव पिछले साल के ही तरह है लेकिन बिक्री इस बार ज्यादा अच्छी है।

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