India News(इंडिया न्यूज़) धर्म डेस्क, Deepak Jalane Ke Niyam: हिंदू धर्म में हर दिन सुबह और शाम को  पूजा के दौरान दीपक जलाने की परंपरा है।दीपक जलाने का आदिकाल से प्रचलित एक महत्वपूर्ण रीती-रिवाज है। दीपक जलाने को प्रार्थना, आराधना, पूजा और धार्मिक उत्सवों में उपयोग किया जाता है।  कुछ लोग शाम के समय तुलसी के पास भी दीपक जलाते हैं। दीपक जलाने की परंपरा सदियों पुरानी है।

मान्यता है कि दीपक जलाने से नकारात्‍मक ऊर्जा घर से दूर होती है और वास्‍तु दोष की समस्या भी नहीं आती है। हर दिन पूजा में दीपक जलाने के कुछ खास नियम हैं, जिनका पालन ना करने से दीपक जलाने का कोई लाभ नहीं मिलता है।

इस तरह जलाएं दीपक..

  • पवित्रता: दीपक को जलाने से पहले, अपने हाथ धोएं और पवित्र स्थान में रखें। इससे दीपक को पवित्र मान्यता होती है।
  • दीपक की स्थापना: दीपक को साफ़ और सुंदर जगह पर स्थापित करें। धार्मिक स्थलों में दीपक अक्सर मंदिर या पूजा स्थल के निकट स्थापित किया जाता है।
  • दीपक की आग: दीपक को जलाने के लिए पारफिन, घी, तेल, गोमूत्र या घी की बत्ती का उपयोग किया जा सकता है। यह आपकी परंपरा और आपकी आदर्शों पर निर्भर करेगा।
  • अर्ध्य देना: दीपक जलाते समय, आप अर्घ्य (गंगाजल या पवित्र जल) देकर इसकी पूजा कर सकते हैं।
  • संगणका करना: दीपक को एकांत में जलाने से पहले, आप पूर्वाह्न और संध्या काल में आरती, मंत्र जाप या पूजा कर सकते हैं। इससे दीपक को जलाने का अद्यतनित और पवित्र मान्यता होती है।
  • सावधानी: दीपक को जलाने के दौरान, ध्यान रखें कि यह किसी आसपासी वस्तु या संरचना को नहीं छू सकता है। यह सुरक्षित जगह पर होना चाहिए और आग से सतर्क रहना चाहिए।

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