India News (इंडिया न्यूज),Delhi CM Oath Ceremony: दिल्ली विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं और अब रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन होने जा रहा है। शपथ ग्रहण समारोह के लिए गुरुवार यानी 20 फरवरी का दिन चुना गया है, जिसके लिए भारतीय जनता पार्टी की ओर से निमंत्रण पत्र भी जारी कर दिया गया है। इस पत्र में समारोह की तारीख और समय भी दर्ज है। 20 फरवरी को मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण समारोह के लिए दोपहर 12:00 बजे या 12 बजे का समय दर्ज है। हालांकि पहले समारोह का समय 11 बजे बताया जा रहा था। ऐसे में समय में बदलाव के पीछे की वजह दोपहर 12:00 बजे का शुभ मुहूर्त बताया जा रहा है। आइए जानते हैं मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण समारोह के लिए कौन सा शुभ मुहूर्त बन रहा है।

क्यों चुना गया दोपहर 12 बजे का समय

ध्यान दें कि भाजपा ने शपथ ग्रहण समारोह के लिए गुरुवार 20 फरवरी को अष्टमी तिथि चुनी है और मुहूर्त दोपहर 12 बजे है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार 20 फरवरी को जन्म लग्न दोपहर 12:00 बजे है जो स्थिर लग्न है। स्थिर लग्न में शपथ लेने से सरकार निश्चित रूप से और स्थायी रूप से बहुत मजबूती के साथ काम कर पाएगी। 12:00 बजे शुभ चौघड़िया योग भी है जिसमें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली जाएगी। इस समय चंद्रमा विशाखा नक्षत्र में रहेगा। सरकार के शपथ ग्रहण के समय ध्रुव योग रहेगा।

समय परिवर्तन का कारण

मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण समारोह के समय में परिवर्तन के बारे में ज्योतिषाचार्य के अनुसार 10 बजे के मुहूर्त में चौघड़िया का समय सही नहीं था। चौघड़िया समय में काम करना अच्छा नहीं माना जाता है। ज्योतिषाचार्य का कहना है कि उनके अनुसार 11 बजे का समय शुभ समय नहीं होता है, इसीलिए शपथ ग्रहण समारोह का समय बदला गया है।

चौघड़िया के बारे में

हिंदू कैलेंडर पर आधारित शुभ और अशुभ समय का निर्धारण भी चौघड़िया पद्धति से ही किया जाता है। चौघड़िया दिन के पूरे 24 घंटों की स्थिति को दर्शाता है। अगर कोई नया काम अचानक करना हो तो उस समय शुभ चौघड़िया मुहूर्त में काम किया जा सकता है। चौघड़िया में 24 घंटों को 16 भागों में बांटा गया है। जिसमें आठ मुहूर्त दिन से संबंधित हैं और आठ मुहूर्त रात से संबंधित हैं। प्रत्येक मुहूर्त 1.30 घंटे का होता है। इस तरह हर सप्ताह में 112 मुहूर्त होते हैं। अगर दिन या रात में पूजा करनी हो, महत्वपूर्ण यात्रा या विशेष काम करना हो और कोई शुभ काम करना हो तो चौघड़िया मुहूर्त बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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चौघड़िया के कई प्रकार होते हैं

ध्यान दें कि चौघड़िया के कई प्रकार होते हैं जिनका चयन सावधानी से करना चाहिए। सर्वश्रेष्ठ चौघड़िया मुहूर्त चार प्रकार के होते हैं जो किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने के लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं। चार चौघड़िया हैं- अमृत, शुभ, लाभ और चर। बाकी तीन चौघड़िया में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इससे बनता हुआ काम बिगड़ जाता है। ये तीन चौघड़िया हैं रोग चौघड़िया, काल चौघड़िया और उद्वेग चौघड़िया। यह जानना जरूरी है कि चौघड़िया वार वेला है, काल वेला है, राहु काल है या काल रात्रि है। अगर ऐसा है तो उस समय कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।

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