(इंडिया न्यूज़, Do not pluck Tulsi leaves from October 21 to 25):  साल 2022 का अंतिम सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर, मंगलवार को होने जा रहा यानी दिवाली के दूसरे दिन। हिन्दू धर्म में ग्रहण को लेकर कई सारी मान्यताएं और परंपराएं है।

मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के दौरान सूर्य से हानिकारक किरणें निकलती हैं, जिनसे भोजन और पानी दूषित हो जाता है। इसके लिए इनमें तुलसी के पत्ते जरूर डाले जाते हैं। ऐसा करने से ग्रहण के बाद भी ये चीजें खाने योग्य बनी रहती है। तुलसी के पत्ते तोड़ने से संबंधित कई नियम भी धर्म ग्रंथों में बताए गए हैं। इस बार लगातार कुछ ऐसी तिथियां और वार आ रहे हैं, जिसमें तुलसी के पत्ते तोड़ना वर्जित माने गए हैं। आगे जानिए इस संबंध में धर्म ग्रंथ क्या कहते हैं।

इन पांच दिनों तक क्यों नहीं तोड़े तुलसी आइए आपको इसके पीछे का कारण बताते है।

21 अक्टूबर को रमा एकादशी

आपको बता दें, इस बार 21 अक्टूबर, शुक्रवार को एकादशी और द्वादशी तिथि का संयोग बन रहा है। इस दिन रमा एकादशी का व्रत किया जाएगा। एकादशी तिथि पर तुलसी की पूजा विशेष रूप से की जाती है, इसलिए इस दिन तुलसी के पत्ते भूलकर भी नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसा करना महापाप माना गया है।

22 को भी न तोड़े तुलसी के पत्ते

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार तुलसी के पत्ते द्वादशी तिथि पर भी नहीं तोड़ने चाहिए। 22 अक्टूबर, शनिवार की शाम लगभग 6 बजे तक कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि रहेगी, इसलिए इस दिन भी तुलसी के पत्ते तोड़ना वर्जित है। शाम को त्रयोदशी तिथि जरूर शुरू हो जाएगी लेकिन सूर्यास्त के बाद तुलसी को छूना नहीं चाहिए, ऐसा धर्म ग्रंथों में लिखा है।

23 अक्टूबर को रविवार

पुराणों के अनुसार, रविवार भगवान सूर्यदेव से संबंधित है। इस दिन देवी तुलसी भगवान विष्णु के निमित्त व्रत करती हैं, इसलिए इस वार को भूलकर भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ें, नहीं तो निकट भविष्य में किसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

24 अक्टूबर को अमावस्या

इस दिन दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। यानी इस दिन कार्तिक अमावस्या तिथि रहेगी। अमावस्या तिथि पर भी तुलसी के पत्ते तोड़ना वर्जित है। कहा जाता है ऐसा करने से ब्रह्महत्या का पाप लगता है। इसलिए 24 अक्टूबर, सोमवार को भूलकर भी तुलसी के पत्ते न तोड़ें।

25 अक्टूबर को सुबह से सूतक

25 अक्टूबर, मंगलवार की शाम को सूर्य ग्रहण होगा, लेकिन इसका सूतक काल 12 घंटे पहले से शुरू हो जाएगा। यानी 25 अक्टूबर की सुबह से सूतक काल माना जाएगा। सूतक काल के दौरान भी तुलसी को स्पर्श करने की मनाही है।

इस दिन तोड़े तुलसी के पत्ते?

तुलसी के पत्ते रमा एकादशी के एक दिन पहले यानी 20 अक्टूबर, गुरुवार को तोड़कर रख लें। तुलसी के पत्ते खराब नहीं होते, इसलिए इनका कई बार उपयोग किया जा सकता है। इन पत्तों का उपयोग आप 25 अक्टूबर को होने वाले सूर्य ग्रहण के दौरान कर सकते हैं.